दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम भारत के राष्ट्रीय प्रतीक और राष्ट्रीय चिह्न के बारे में विस्तृत रूप से बात करेंगे ताकि आपको भारत देश के राष्ट्रीय प्रतीक के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सके।उम्मीद है आप इस आर्टिकल को ध्यान से पढेंगे।
हर देश की पहचान राष्ट्र के राष्ट्रीय प्रतीकों से होती है। अलग-अलग देश के राष्ट्रीय प्रतीकों का अपना ही अलग इतिहास, व्यक्तित्व और विशेषताएं होती है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में बात करें तो यह करना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा की, भारत के राष्ट्रीय प्रतीक भारत का प्रतिबिंब दिखाता है। साथ ही दुनिया मे भारत को अलग प्रतिभा स्थापित करने के लिए मदद करते हैं। राष्ट्रीय प्रतीक दुनिया के सकारात्मक लाक्षणिकता को भी निर्देशित करता है।
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राष्ट्रीय ध्वज: तीरंगा (National Flag Of India)
- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय तिरंगा या ध्वज कहा जाता है।
- संविधान की सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के स्वरुप में 1947 मैं 22 जुलाई के दिन अंगीकृत किया गया था।
- वर्ष 1947 मैं 14 अगस्त के दिन संविधान सभा के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को प्रस्तुत किया गया था।
- हंसा मेहता ने श्रीमती सरोजिनी नायडू की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज को संविधान सभा को भेट किया था।
- हाल के समय के राष्ट्रीय ध्वज की पहली आकृति यूरोप में सक्रिय भारतीय क्रांतिकारी मैडम भीकाजी कामा ने तैयार की थी।
- झंडा गीत की रचना श्याम लाल ने की थी।
- वर्ष 1929 ईस्वी से हमारे राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास शुरू होता है। 1929 में 3 दिसंबर के दिन रावी नदी के तट पर जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय तिरंगे को लहराया था।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा रावी नदी के तट पर लहराए गए ध्वज में, और आज के समय के तिरंगे में केवल इतना ही फर्क है कि तिरंगे के बीच में चरखे की जगह पर अशोक चक्र आ गया है।
- वर्ष 1947 के 15 अगस्त के दिन देश की स्वतंत्रता के मौके पर अधिकारिक रूप से इसे लहराया गया था। तथा तिरंगे को 21 तोपों की सलामी दी गई थी।
- राष्ट्रीय तिरंगा का प्रयोग और प्रदर्शन ध्वज संहिता के द्वारा नियमित होता है।
- राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे आयताकार है। ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का 3:2 जितनी है।
- राष्ट्रीय ध्वज के मध्य में आई हुई सफेद पट्टी मैं अशोक चक्र को अंकित किया गया है। इस अशोक चक्र में 24 तिलिया है।
- हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा तीन रंग से बना हुआ है। जिसमें सबसे ऊपर केसरिया, रंग मध्य में सफेद रंग, और सबसे आखिर में हरा रंग आता है।
- राष्ट्रीय ध्वज के हर एक रंग का अपना अलग महत्व है। केसरिया रंग आत्म नियंत्रण और सत्य का प्रतीक है। तथा सफेद रंग शांति एवं सत्य का प्रतीक है, तो हरा रंग समृद्धि तथा हरियाली का प्रतीक है।
- ध्वज के बीच मैं आया हुआ अशोक चक्र धर्म, गतिशीलता और प्रगति का प्रतीक है। साथ ही उसमें अंकित की गई 24 तीलियां दिन के 24 घंटों को निर्देशित करती है।
- ध्वज संहिता के आधार पर झंडारोहण करने वाले व्यक्ति को तिरंगे से तीन कदमों की दूरी बनाए रखनी चाहिए।
- राष्ट्रीय शोक के वक्त राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को आधा झुका देने में आता है। देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री की मृत्यु हो जाने पर राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के मृत्यु के बाद राष्ट्रीय ध्वज को 12 दिनों के लिए झुकाया जाता है। और आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के माध्यम से शुभ गुणों का प्रसारण किया जाता है।
- पूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के निधन होने पर राष्ट्रीय तिरंगा को 7 दिनों तक झुका दीया जाता है।
- राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तथा लोकसभा अध्यक्ष के मृत्यु के समय पर दिल्ली मे झुकाया जाता है।
- दिल्ली और जुड़े राज्यों की राजधानी में केंद्रीय मंत्री की मृत्यु पर ध्वज को झुकाया जाता है।
- राज्यों से जुड़े मुख्यमंत्री या राज्यपाल का निधन होने पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को झुका दिया जाता है।
- भारतीय संसद, राष्ट्रपति भवन,और सर्वोच्च न्यायालय इत्यादि के इमारतों के ऊपर स्थाई रूप से पूरे साल भर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लहराने की व्यवस्था की गई है।
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भारत का राष्ट्रीय चिन्ह (National Emblem of India)
- भारत का राष्ट्रीय चिन्ह वाराणसी के सारनाथ में आए हुए अशोक के सिंह स्तंभ के ऊपर आई हुई आकृति है।
- वर्ष 1950 में 26 जनवरी के दिन भारत सरकार ने इसे चिन्ह के स्वरूप में अंगीकृत किया था।
- यह आकृति में 4 सिंह एक दूसरे की ओर अपनी पीठ करके खड़े हुए हैं। वे इस प्रकार से खड़े हैं कि उनमें से तीन एक तरफ से देखने पर दिखते हैं।
- सिंहो के नीचे घंटे के आकार का पदम स्थित है। जिस पर एक चित्र वल्लरी हाथी का, दौड़ते हुए घोड़े, एक सांड और सिंह की उभरी हुई प्रतिभा अंकित की है।
- वल्लरी के चित्र के बीच में धर्म चक्र को अंकित किया गया है।
- एक ही पत्थर को काटकर संपूर्ण सिंह स्तंभ को बनाया गया है।
- इसके नीचे फलक में सत्यमेव जयते को देवनागरी लिपि में लिखा गया है।
- भारत के राष्ट्रीय वाक्य के रूप में सत्यमेव जयते को घोषित किया गया है। जिसका मतलब सत्य का ही हमेशा विजय होता है।
- सत्यमेव जयते का सूत्र मुंडकोपनिषद मे से लिया गया है।
भारत का राष्ट्रीय गान (National Anthem of India)
- भारत के राष्ट्रीय गान मे जन गण मन आता है।
- जिसकी रचना साल 1911 में रविंद्र नाथ टैगोर ने की थी।
- वर्ष 1911 में 27 दिसंबर मे प्रथम बार कोंग्रस के कोलकाता अधिवेशन में इसे गाने मे आया था।
- साल 1912 में तत्वबोधिनी नाम की पत्रिका में जन गण मन.. गीत को भारत भाग्य विधाता का शीर्षक देखकर प्रकाशित किया गया था।
- मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया शीर्षक के रूप में रविंद्र नाथ टैगोर ने इस गीत को वर्ष 1919 में अंग्रेजी में रूपांतर किया था।
- वर्ष 1950 में 24 जनवरी के दिन जन गण मन गीत को राष्ट्रगान के स्वरूप में संविधान सभा में अंगीकृत किया गया था।
- भारत के राष्ट्रीय गान को कई सारे अवसर पर गाया जाता है। राष्ट्रीय गान के सही संस्करण के पश्चात मैं अलग-अलग समय पर अनुदेश जारी किए गए हैं। उसमे वे किस अवसर पर गाना है और उसके उचित गौरव का पालन करने के तथा राष्ट्रगान को सम्मान देने की जरूरीयात के बारे में उल्लेख कीया गया है।
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भारत का राष्ट्रीय गीत (National Song Of India)
- भारत ने राष्ट्रीय गीत के स्वरूप में वंदे मातरम गीत को स्वीकार किया है।
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के द्वारा साल 1874 मैं इस गीत की रचना हुई थी।
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के सुप्रसिद्ध पुस्तक आनंदमठ मैं इस गीत की रचना की गई थी।
- कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन मे साल 1896 मे इसे पहली बार गाया गया था।
- वंदे मातरम गाने के लिए 1 मिनट और 5 सेकेंड का वक्त लगता है।
- वंदे मातरम के संपूर्ण गीत में 5 पदों का समावेश होता है। परंतु राष्ट्रगीत के स्वरूप में प्रथम पद को ही अंगीकृत किया गया है।
- मास्टर कृष्णराव के द्वारा साल 1949 मैं राष्ट्रीय गीत को बैंड पर बजाने के लीए, धुन को तैयार किया गया था।
- मास्टर गणपत सिंह ने मास्टर कृष्णराव के निर्देशन पर पहली बार इस गीत को बचाया था।
- आज के समय में इस गीत रात सारंग में स्वरबध्द धुन मे गाने में आता है। किंतु यह धुन पन्नालाल घोष ने बनाई थी।
भारत का राष्ट्रीय पंचांग (National Calendar of India)
- भारतीय पंचांग शक संवत पर आधारित है।
- ग्रेगोरियन कैलेंडर भी शक संवत पर निर्धारित है।
- 78ईसवी से शुरू हुई शक संवत का प्रथम महीना चैत्र है। इसमें 1 वर्ष में 365 दिन होते हैं।
- वर्ष 1957 मैं 22 मार्च को भारत सरकार के द्वारा इसका स्वीकार किया गया था।
भारत का राष्ट्रीय पक्षी (National Bird of India)
- भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है। मोर एक रंगीन पक्षी है। जिसका आकार हंस के आकार के जैसा है। माथे पर कलगी, आंखों के नीचे श्वेत धब्बा और लंबी एवं पतली गर्दन होती है।
- मोर की प्रजाति में नर माता से ज्यादा रंगीन होता है। नर मैं चमकीला नीला सीना और चमकीली गर्दन होती है। उसकी अति मनमोहक करने वाली चीज में कांस्य मे हरा 200 लंबे पंखों का गुच्छा आता है।
- मादा का रंग भुरा होता है। नर के मुकाबले मादा का कद छोटा और पंखों का गुच्छा नहीं होता। नर का दरबारी नृत्य पंखों को फैलाना और उसे संवार ने का दृश्य अत्यंत सुंदर होता है।
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भारत का राष्ट्रीय फुल ( National Flower of India)
- भारत का राष्ट्रीय फूल कमल का फूल है। कमल के फूल को पवित्र माना जाता है। इसका प्राचीन भारत की संस्कृति में और गाथाओं में विशेष स्थान है।
- भारत देश में पेड़ पौधों की संख्या ज्यादा है। आज के समय में उपलब्ध माहिती के आधार पर वनस्पति विविधता में भारत विश्व में 10 वे और एशिया में चौथे स्थान पर है।
- अभी तक 70 प्रतिशत भौगोलिक विस्तार का सर्वेक्षण किया गया है। जिसमें से भारत के वनस्पति सर्वेक्षण के द्वारा 47000 वनस्पति की प्रजाति का उल्लेख किया गया है।
भारत का राष्ट्रीय पेड़ (National Tree of India)
- भारत का राष्ट्रीय पेड़ बरगद है। इसका वैज्ञानिक नाम फाइकस बैंगालेंसिस है।
- इस पेड़ की शाखाएं और जडे़ं बड़े हिस्से के रूप में नए पेड़ के समान लगती हैं। जड़ों से और भी ज्यादा तने और शाखाएं निकलती है।
- इस पेड़ की लाक्षणिकता और लंबी आयु के कारण इस पेड़ को अनश्वर माना जाता है। यह पेड़ भारत के इतिहास और लोक कथाओं का भी एक अंग रहा है। वर्तमान में भी बरदग के पेड़ को ग्रामीण लोगों की जीवन का मध्यस्थ बिंदु माना जाता है।
भारत की राष्ट्रीय नदी (National River of India)
- भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा को माना जाता है। यह भारत की सबसे लंबी नदी है। जो पर्वतों, घाटियों और मैदानों में लगभग 2510 किलोमीटर की दूरी को तैय करके समुद्र में मिलती है।
- गंगा नदी का उद्गम हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर मैं बर्फ के पहाड़ों के बीच से होता है और भागीरथी नदी के नाम से आगे बढ़ती है।
- गंगा नदी के साथ अलकनंदा, यमुना, सोन, गोमती, कोसी तथा घाघरा आगे जाकर कई सारी नदियां जुड जाती है।
- गंगा नदी का बेसीन दुनिया के सबसे ज्यादा उपजाऊ विस्तार के स्वरूप में जाना जाता है। यहां करीबन 10 लाख वर्ग कीलोमिटर मे फैला हुआ वीस्तार है।
- इस नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन मछली आपत्ती रूप है, जो विशिष्ट स्वरूप से इसने रहती है।
- गंगा नदी को हिंदू धर्म में पृथ्वी की सबसे पवित्र नदी के रूप से पूजा जाता है। नदी के तट पर रहे शहर जैसे कि वाराणसी हरिद्वार और इलाहाबाद मुख्य धार्मिक आयोजन स्थान है।
- गंगा नदी बांग्लादेश में सुंदरवन द्वीप मे से होकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
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भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव (National Aquatic Animal of India)
- भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव मीठे पानी की डॉल्फिन मछली है। डॉल्फिन स्तनधारी प्राणी है, जो गंगा नदी मैं पाई जाती है। यह मछली केवल शुद्ध और मीठे पानी में जिंदा रह सकती है।
- डॉल्फिन मछली लंबे नोकदार मुख वाली होती है। जिसके ऊपर के और नीचे के जडबें मे दांत दिखाई देते हैं। उसकी आंखों में लेंस नहीं होता, जिसकी वजह से वह सिर्फ दिशा का पता लगाने के रूप में इसका इस्तेमाल करती है।
- डॉल्फिन सबस्ट्रेट की दिशा में एक पख के साथ तैरती है जबकि श्रिंप जेसी छोटी मछलियों को खाने के लिए गहरे पानी में जाती है। डॉल्फिन का शरीर मोटी त्वचा, हल्के भुरे स्लेटी त्वचा शल्कों से ढका हुआ होता है।
- इस स्तनधारी मछली के शीर्ष पर छोटी छोटी आंखें होती है। मादा मछली का कद नर मछली से ज्यादा होता है।
भारत का राष्ट्रीय पशु
- भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है। इसके शरीर पर मोटी पीली लोमचर्म का कोट होता है। जिसमें गहरी धारदार पट्टिया होती है। बाघ को भारत के राष्ट्रीय पशु उसके लावण्यता, ताकत, फुर्तीलापन और अपार शक्ति के लीए किया गया है।
- शाही बंगाल टाइगर (बाघ) उत्तर पूर्वी विस्तार को छोड़कर भारत भर में पाया जाता है और आसपास के देशों में भी पाया जाता है, जैसे नेपाल, भूटान और बांग्लादेश।
- वर्ष 1973 मैं अप्रैल के महीने में बाघों की कम हो रही संख्या को जांच करने के लिए प्रोटेक्ट टाइगर के नाम से अभियान शुरू किया गया था। अभी इस अभियान के अधीन 27 बाघ के लिए आरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की गई है। जिसका क्षेत्रफल 37, 761 वर्ग किलोमीटर का है।
भारत का राष्ट्रीय फल (National Fruit of India)
- भारत का राष्ट्रीय फल आम है। जिसका वैज्ञानिक नाम मेग्निफेरा इंडिका है। आम का फल गूदेदार फल है, जिसे पकाकर खाया जाता है या तो कच्चा होने पर इसे अचार के स्वरूप में खाया जाता है। यह फल उष्ण कटिबंधी के विस्तार मे पाया जाता है।
- आम का फल रसदार होता है, जो विटामिन A, C और D से भरपूर है। भारत देश में अलग-अलग आकार के मापों और रंगों के आमों की करीब 100 से ज्यादा प्रजाति पाई जाती हैं। कवि कालिदास ने आम के फल की प्रशंसा में गीत लिखे हैं। मुगल साम्राज्य के बादशाह अकबर ने बिहार के दरभंगा में एक लाख से ज्यादा आम के पेड़ रोपे थे। जिसे आज के समय में लाखी बाग के नाम से जाना जाता है।
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भारत का राष्ट्रीय खेल (National Sport of India)
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी का खेल है। हॉकी के खेल में भारत ने हमेशा से जीत हासिल की है। भारत के पास 8 ओलम्पिक स्वर्ण पदकों का उत्कृष्ट रिकॉर्ड है। भारतीय हॉकी का सुवर्ण काल वर्ष 1928 से लेकर 1956 तक था। भारतीय हॉकी टीम ने लगातार करीब 6 ओलम्पिक स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं। भारतीय हॉकी टीम ने वर्ष 1975 में विश्व कप को जीता। साथ ही दो अन्य पदक (रजत और कांस्य) को भी जीता। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने वर्ष 1927 में वैश्विक संबद्धता अर्जित की और अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) की सदस्यता हासिल की।
भारतीय चिन्ह मुद्रा
भारतीय रुपए का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रफल आदान प्रदान और संबलता को परिलक्षित रहा है। रुपए का चिह्न देश के लोकाचार का एक रूपक है। नया प्रतीक देवनागरी की लिपि र और रोमन अक्षर के आर को जोड़कर बनता है। जिसमें एक क्षितिज रेखा बनाई गई है।
भारत सरकार ने वर्ष 2010 में 15 जुलाई के दिन इस चिह्न को स्वीकार किया था। रुपए का चिन्ह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के पोस्ट ग्रेजुएशन डिजाइन श्री डी उदय कुमार के द्वारा बनाया गया था।
Last Final Word:
दोस्तों यह थी भारत के प्रतीकों के बारे में जानकारी। उम्मीद है आपको इस जानकारी से आपके प्रश्नों का उत्तर मिल गया होगा।यदि अभी भी आपके मन में कोई सवाल रह गया हो, तो हमें कमेंट के माध्यम से बताइए।
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