नमस्कार दोस्तों! हमारा देश 1947 में आजाद हुआ था, आजाद होने के बाद भारत के लिए सबसे बाड़ा और सबसे मुश्किल काम था की देश को कैसे विकास की और ले जाया जाए, इसके लिए सही रास्ता दिखाने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरूने 1951 से ही पंचवर्षीय योजना को लागू किया गया था, जिनमे आने वाले 5 सालो के लिए देश में विकास के लक्ष्यों को तय करने का और उनको नियत समय में हासिल करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए 1951 में योजना आयोग की स्थापना भी की गई थी। हमारे भारत देश में अब तक कुल 12 पंचवर्षीय योजना लागू हो चुकी है। इसके बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने यह पंचवर्षीय योजनाओ को बंद करने का फैसला किया था और इसके बाद निति आयोग की स्थापना करके देश में दूरगामी विकास योजनाओ को लागू किया था। तो आज के इस आर्टिकल में हम देश में अब तक लागु सभी 12 पंचवर्षीय योजनाओ के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले है, ताकि आपको किसी भी एग्जाम में अगर ईसके बारे में सवाल पूछे जाए तो आप उनका सही जवाब दे पाए तो आप हमारा यह आर्टिकल पुरे ध्यान से पढ़े।
भारत की पंचवर्षीय योजनाओं की सूचि (List of Five Year Plans)
- भारत में आर्थिक नियोजन 1951 में पहेली पंचवर्षीय योजना के साथ विकसित किया गया था। लेकिन उससे पहेले कुछ सैध्दांतिक प्रयास हुए थे।
- 1934 में सर.एम.विश्व्सरैया ने अपनी पुस्तक ‘प्लान इकोनोमी फॉर इंडिया’ के माध्यम से इस दिशा में प्रयास करने वाले पहले व्यक्ति थे।
- 1938 में, INC ने जवाहरलाल नहेरु की अध्यक्ष में एक राष्ट्रिय योजना समिति का गठन किया था।
- 1944 में मुंबई के कुछ व्यापारियों ने ‘मुंबई योजना’ योजना प्रस्तुत की थी।
- 1945 में ऐम.एन.रॉय द्वारा ‘पीपल्स प्लान’ योजना पेश की गई थी
- उपरोक्त योजनाओ को विभिन्न कारणों से लागु नहीं किया गया था।
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प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56)
- प्रथम पंचवर्षीय योजना प्रारूप (Format) के.एन.राज ने तैयार किया था।
- इस योजना में उच्चतम प्राथमिकता कृषि के क्षेत्रो को प्राप्त हुई थी। यह योजना में 2.1% लक्ष्य विकार के दर की तुलना में 3.6% विकास दर प्राप्त हुआ था।
- प्रथम पंचवर्षीय योजने में भाखड़ा नांगल बांध, दामोदर धाटी और हीराकुंड बहुउदेशीय नदी धाटी परियोजनाए भी शुरू हुई थी।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-1961)
- प्रोफ़ेसर पी.सी.महालनोविस के समाजवादी मोडल पर आधारित द्वियत पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य औद्योगीकरण था। द्वतीय पंचवर्षीय योजना के लिए पूंजीगत माल के उद्योगों पर बहुत ही वेशेष बल दिया गया था।
- अर्थव्यवस्था में राज्यों की प्रमुख भूमिका और सार्वजनिक क्षेत्र के विस्तार और उसके महत्व के प्रति नेहरू महान महलनोविस मोडल के अन्य अभिलक्षण भी थे।
- इस पंचवर्षीय योजना के दौरान राऊकरेला(ओडिशा), भिलाई (छत्तीसगढ़) तथा दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) लोहा इस्पात संयंत्र स्थापित किए गए थे।
- यह योजना में टाटा मूलभूत अनुसंधान संश्थान की स्थापना की गई थी।
तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-66)
- तृतीय पंचवर्षीय योजना को गाडगिल योजना भी कहा जाता है। इस योजना का मुख्य उदेश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना था और स्वतंत्र अवस्था में पहुचाना था।
- इस योजना की असफलता का कारण भारत-चीन-युद्ध (1962), भारत-पाक युद्ध (1965) तथा वर्ष 1965-66 के भीषण अकाल को माना जाता है।
- इस तृतीय पंचवर्षीय योजना के अंत तक देश में खाद्यान्न की कमी, मूल्य वृधि और विदेशी मुद्रा का संकट उपस्थित था। इस के भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन 57% हुआ था। वेसे देखा जाए तो अवमूल्यन से अंतराष्ट्रिय बाजार में धरेलू उत्पादों के मूल्य में गिरावट आती है, जिससे निर्यात को प्रोत्साहन मिलता है पर आयत हतोत्साहित होता है।
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वार्षिक योजना (1966-69)
- यह समय में कोई नियमित नियोजन ना होने की वजह से इसे योजना अवकाश भी कहा जाता है। इस समय में भारत में खाद्यान्न आत्मनिर्भरता हेतु हरित क्रांति की शरुआत हुई थी।
- भारत देश में हरित क्रांति की शुरुआत डॉ.MS स्वामीनाथन ने की थी, जब की विश्व में हरित क्रांति की शरुआत नोमन बोरलोग ने की थी।
चौथी पंचवर्षीय योजना (1974-79)
- इस पंचवर्षीय योजना का मुख्य उदेश्य स्थायित्व के साथ विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता की प्राप्ति का था।
- इस चौथी पंचवर्षीय योजना काल में (1971 के आम चुनाव में) गरीबी हटाओ का नारा दिया गया था। इस पंचवर्षीय योजना में 5.7% की लक्षित विकास दर के स्थान पर, विकास दर 3.3% रहा था।
पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-79)
- पांचवी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उदेश्य हमारे भारत देश की गरीबी को हटाना और आत्मनिर्भरता का था।इस पंचवर्षीय योजना के समय में वर्ष 1975 में 20 सूत्री कार्यक्रम शुरू हुए थे।
- जनता पार्टी सरकार द्वारा इस योजना को निर्धारित समय से 1 साल पहले समाप्त कर दिया गया था।
छठी पंचवर्षीय योजना (1985-1990)
- जनता पार्टी सरकार द्वारा, साल 1978-83 समय हेतु अनवरत योजना बनाई गई थी, लेकिन कोंगेस सरकार ने इसे पुन: बदलकर 1980 से लागू किया था। इस पंचवर्षीय योजना का मुख्य उदेश्य गरीबी का निवारण लाना और रोजगार सृजन का था। इस योजना में विकास के नेहरु मोडल को भी अपनाया गया था।
सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-1990)
यह सातवीं पंचवर्षीय योजना दीर्धकालीन विकास युक्तियो पर जयादा जोर देते हुए उदारीकरण पर बल देने वाली थी। इस योजना का विकास का लक्ष्य 5% का था और वास्तविकता में विकास दर 6.02% रहा था।
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आठवी पंचवर्षीय योजना (1992-97)
- आठवी पंचवर्षीय योजन राजनितिक तथा आर्थिक अस्थिरता की वजह से 2 साल विलंब से शुरू हुई थी। यह योजना 1990 के आर्थिक सुधार-उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकारण पृष्टभूमि में लागू की गई थी।
- यह पंचवर्षीय योजना जॉन डब्लू मूलर के मोडल पर आधारित थी। इसमें सर्वोच्च प्राथमिकता मानव संसाधन के विकास को दी गई थी। निर्माण तथा कृषि, दोनों सत्रों के लिए इस युजना में उच्च वृधि का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना का बल आयत और निर्यात में वृधि, व्यापार तथा चालू लेखा धाट में सुधार पर था।
- इस योजना का लक्षित विकास दर 5.6% था उसकी वास्तविक तुलना में विकास दर 6.68% रहा था।
नवमी पंचवर्षीय योजना (1997-2002)
- यह नवमी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उदेश्य न्याय के साथ वितरण और समानता के साथ विकास करना था।
- इस योजना का लक्षित विकास दर 6.5% की हा उसकी तुलना में वास्तविक में 5.4% का रहा था।
दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-2007)
- इस पंचवर्षीय योजना में सौप्रथम पहेली बार राज्यों के साथ विचार-विमर्श करके राज्य बाल विकास दर निर्धारित की गई थी। इस योजना में सामजिक लक्ष्यों पर भी निगरानी की व्यवस्था की गई थी।
- इस पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य प्राप्त हुई उपलब्धियों को बनाए रखने का था तथा उन्ही पर आगे जाके विकास करने का और विकास मार्ग में आई सभी बाधाओ का हल सुनिश्चित करने का था ।
- इस योजना का लक्षित विकास दर 8.0% का था उसकी तुलना में वास्तविक में विकासदर 7.8% उपलब्ध रहा था।
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11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012)
- इस पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य तीव्र और अधिक समावेशी विकास की और बढ़ने का था।
- इस योजना का लक्षित विकास दर 8.1% का था उसकी तुलना में वास्तविक में विकासदर 7.9% उपलब्ध रहा था।
- इस पंचवर्षीय योजना के समय में भारत देश में कृषि क्षेत्र में 3.3% की वृधि दर प्राप्त हुई थी, जो की पिछली पंचवर्षीय योजना से 2.4% जितनी ज्यादा थी। यह अधिकांशत फसले और पशुधन के बेहतरीन निष्पादन से मुमकिन हुआ था।
12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017)
- इस पंचवर्षीय योजना के मुख्य उदेश्य तीव्र, सतत और बहुत ही ज्यादा समावेशी विकास करने का था।
- इस योजना में 37.7 लाख करोड़ रुपए (पूर्व योजना से 13.7% ज्यादा) का खर्च हुआ था।
- यह योजना का लक्षित विकास दर 8% रहा था।
- इस योजना में कृषि क्षेत्र में 4%, विनिर्माण क्षेत्र में 10%, औद्योगिक क्षेत्र में 7.6%, सेवा क्षेत्र में 9% के विकास लक्ष्य रहे थे।
- इस पंचवर्षीय योजना के अंत तक गरीबी में 10% तक की कमी लाना तथा गैर कृषि क्षेत्र में रोजगार के 50 मिलियन नए रोजगार अवसरों का सुजन करना भी इस योजना का प्रमुख लक्ष्य था।
- इस योजना का एक लक्ष्य यह भी था की सभी गाव में बिजली पहचाना और बारमासी सड़को से जोड़ना था।
- इस का और एक लक्ष्य यह भी था की पुर्वीय और पश्चिम फ्रेईट कोरिडोर का निर्माण करना भी था।
पंचवर्षीय योजना से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के सही जवाब
अभी कौन सा पंचवर्षीय योजना चल रहा है?
अभी एक भी पंचवर्षीय योजना नहीं चल रही है।
पंचवर्षीय योजना कब से लागू हुई?
पंचवर्षीय योजना 8 दिसंबर, 1951 से लागु हुई।
सातवीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य नारा क्या था?
सातवी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक उत्पादकता बढाना, अनाज के उत्पादन और रोजगार के अवसर पैदा कर क्षेत्रों में विकास की स्थापना करना था।
भारत में 12वीं पंचवर्षीय योजना की समय अवधि क्या है?
भारत में १२वि पंचवर्षीय योजना की समय अवधि 2012 से 2017 तक की थी।
प्रधानमंत्री धन लक्ष्मी योजना क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई धन लक्ष्मी योजना में जो आवेदक महिला होती है उसे 5 लाख रूपये ऋण राशि सीधे उसके बैंक खाते में प्राप्त होगी। प्रधानमंत्री धन लक्ष्मी योजना में ऋण राशि प्राइवेट तथा सहकारी क्षेत्र के बैंको द्वारा प्रदान की जाएगी। इस ऋण की राशी पर अगले 30 वर्षो तक 0% की दर से ब्याज लगेगा, अर्थात कोई ब्याज नहीं देना होगा।
भारतीय पंचवर्षीय योजना के प्रमुख निर्माता का नाम क्या है?
भारतीय पंचवर्षीय योजना के प्रमुख निर्माता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू है।
Last Final Word:
तो दोस्तों हमने आपको हमारे इस आर्टिकल में “पंचवर्षीय योजना” के बारे में बताया है, और काफी रिसर्च के बाद हमने इस आर्टिकल को आप तक पहुचाया है। जिसमे हमने आपको भारत की सभी पंचवर्षीय योजना के बारे में पुरे विस्तार से बताया है यो हम उम्मीद करते है की आप इन सभी माहिती से वाकिफ हो चुके होगे।
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