कलेक्टर कैसे बने पूरी जानकारी

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नमस्कार दोस्तों! आज के हमारे इस आर्टिकल कलेक्टर कैसे बने में आपको वह सारे सवालों के जवाब मिलेगे जो आपके कलेक्टर बनने के सपने को पूरा कर सकता है।अगर आप भी आगे जाके कलेक्टर बनना चाहते है तो हमारा यह आर्टिकल शुरूआत से लेकर अंत तक जरुर पढ़े और इस आर्टिकल जो मुद्दे बताये गए है उसके अनुसार योजना बनायेगे तो आप अपनी मंजिल तक जरुर पहोचेगे। आज के इस आर्टिकल में हम जानेगे की कलेक्टर कैसे बने पर उससे पहेले हमे यह भी जानना बहोत ही जरुरी है की कलेक्टर कौन होता है और उसके क्या क्या कार्य होते है।

कलेक्टर कौन होता है और कलेक्टर के कार्य

वेसे देखा जाये तो कलेक्टर किसी जिले का बड़ा प्रसासनिक ऑफिसर होता है। जिले में स्थित लगभग हर विभाग कलेक्टर के हुकुम का पालन करते है। जिले के बारे में हर छोटे-बड़े निर्णय कलेक्टर को लेने पड़ते है। जैसे की आपदा प्रबंध, सरकारी योजनाओ को लागु करवाना, ऋण वितरण, कर्ज वसूली, कर वसूली, भूमि अधिग्रहण, भूमि मुल्यांकन, आम जनता की समस्या का निदान करना आदि कई कार्य होते है जो कलेक्टर को करने पड़ते है और इसके साथ साथ मुख्य कार्य कानून व्यवस्था को बनाये रखना एवं जिले के बारे में सभी जानकारी सरकार को पहुचाना भी कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट के महत्वपूर्ण कार्यो में से एक हैं।

कलेक्टर बनने के लिए क्या करे ?

  • कलेक्टर बनने के लिए पहेले तो आपको अपना ग्रेजुएशन पूरा करना पड़ता है।
  • और यूपीएससी द्वारा निर्धारित सी.इस.ई (CSE) की एग्जाम भी आपको देनी पड़ती है।

कलेक्टर बनने के लिए आप किसी भी सब्जेक्ट में अपना ग्रेजुएशन पूरा कर सकते है पर आपको ध्यान रखना पड़ेगा की जो आपको कलेक्टर या फीर आईएएस ऑफिसर बनना है तो आपको उसके लिए अपनी पढाई पर पूरा ध्यान देना पड़ता है और काफी महेनत करनी पडती है। आपको १२th पास करने के तुरंत बाद ही आप जिस भी सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन कर रहे है उसके सभी विषय को पूरी गंभीरता से ले और उस पे पूरी तरह से ध्यान दे। यदि आप जो ग्रेजुएशन में फ़क्त पास होने के लिए पढाई या महेनत करेगें तो आपको UPSC की एग्जाम की तैयारी में बहोत ही ज्यादा महेनत करनी पड़ेगी। इसलिए आप शुरुआत से ही सभी सब्जेक्ट, और सभी टॉपिक को पूरी तरह ध्यान से समजने के लिए प्रयत्न करे।

कलेक्टर बनने के लिए आयु सीमा क्या होनी चाहिए? (Age Limit for Collector)

एसे बहोत सारे छात्र है जो जानना चाहते है की कलेक्टर बनने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए, तो आइए देखते है कलेक्टर बनने के लिए आयु सीमा क्या होनी चाहिए।

  • जो भी आवेदक सामान्य श्रेणी (general category)में आते है उनके लिए आयु सीमा 21 से 32 वर्ष तक की होती है।
  • OBC श्रेणी के आवेदकों के लिए 3 वर्ष तक की Relaxation दी जाती है।
  • SC/ST श्रेणी के आवेदकों के लिए 5 वर्ष तक की Relaxation दी जाती है।

कलेक्टर बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी पड़ती है?

जैसा की मेने इस आर्टिकल में ऊपर बताया की कलेक्टर बनने के लिए आपको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन(UPSC) द्वारा निर्धारित सिविल सर्विस एग्जाम(CSE) देनी पड़ती है जो की आप ग्रेजुएशन समाप्त होने के बाद कर सकते है। ग्रेजुएशन की डिग्री का इन्तेजार ना करते हुए आप ग्रेजुएशन के साथ साथ ही आप यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने की शुरुआत कर सकते है। यह एग्जाम ग्रेड 1 के ऑफिसर्स की भर्ती के लिए होती है तो जाहिर सी बात है की यह एग्जाम हम जितना मानते है उतनी आसन तो होगी नहीं और आज कल के समय में कॉम्पीटिशन भी बहोत ही ज्यादा होगा और हमे इसकी तैयारी भी बहोत ही ज्यादा करनी पड़ेगी।

सिविल सर्विस एग्जाम तीन चरणों में आयोजित होती हैं।

प्रारंभिक परीक्षा /Preliminary Exam: अक्सर सिविल सर्विस एग्जाम जून -जुलाई से अगस्त मास के बीच में ली जाती है।एस एग्जाम में 2 पेपर लिए जाते है पहला सामान्य अध्यन और दूसरा सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट का होता है। यह दोनों ही पेपर 250-250 मार्क्स के होते है। अगर आप इस एग्जाम को पास कर लेते है तो फिर आपको दूसरी मुख्य एग्जाम देनी होती है। और एक बहोत जरुरी बात इस एग्जाम के मार्क्स को दूसरी मुख्य एग्जाम के रिजल्ट में नहीं जोड़ा जाता है।

मुख्य परीक्षा/main exam : इस एग्जाम में मुख्यतः 9 पेपर होते है जिस के बारे में निचे दर्शाया गया है।

  • भारतीय भाषा : इस पेपर में कुल 18 भाषाए होती है जिसमें से आप कोई एक भाषा चुन सकते है। और यह एग्जाम पेपर 200 मार्क्स का होता है और इस पेपर के मार्क्स भी मुख्य एग्जाम के रिजल्ट में नहीं जोड़े जाते है।
  • अंग्रेजी : यह एग्जाम पेपर भी कुल 200 मार्क्स का आता है और इस एग्जाम पेपर के मार्क्स भी मुख्य एग्जाम पेपर में नहीं जोड़े जाते है।
  • नीबंध: इस एग्जाम पेपर में आपको दिये गए सब्जेक्ट मे से कोई 2 सब्जेक्ट पर निबंध लिखना होता है। और यह पेपर कुल 250 मार्क्स का आता है।
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • सामान्य अध्यन कुल अंक 250
  • यह पेपर वैकल्पिक विषय वाला होता है जिसमे से आप कोई भी विषय चुन सकते है। और यह एग्जाम पेपर 250 अंक का होता है।
  • यह एग्जाम पेपर भी वैकल्पिक विषय वाला होता है और 250 अंक का होता है ।

साक्षात्कार : इन सभी एग्जाम के बाद आता है तीसरा चरण जिसमे होता है साक्षात्कार जिसके मुख्य एग्जाम के परिणाम के मेरिट के आधारित बुलाया जाता है। साक्षात्कार कुल 750 अंको का होता है।

कलेक्टर बनने के लिए फॉर्म अप्लाई कैसे करे?

आपको कलेक्टर बनने के लिए कलेक्टर फॉर्म नहीं भरना है लेकिन आपको कलेक्टर बनने लिए IAS एग्जाम का फॉर्म भरना पड़ेगा। IAS एग्जाम का फॉर्म भरने की लिए आपको UPSC की official वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। लेकिन आप इस फॉर्म को तभी भर सकते है जब आपका ग्रेजुएशन complete हो या फिर आप final year के छात्र है तभी आप UPSC में IAS का एग्जाम दे सकते है।

IAS का फॉर्म भरने के लिए आप निचे दिये गए हुए स्टेप्स को फोलो करे :

  • सबसे पहेले तो आपको upsc.gov.in की official वेबसाइट पर जाना होगा।
  • इस वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने एक Examination का एक TAB दिख जायेगा। इस tab में आपको “Apply online” option भी दिख जायेगा। आपको इसी पर क्लिक करना होगा।
  • Apply online ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपको “Online Application for various Examination” ऑप्शन दिखेगा आपको इस पर क्लिक करना होगा।
  • Online Application for various Examination पर क्लिक करने के बाद आपको Civil Services (Preliminary)Examination ऑप्शन दिखेगा और आपको इसी पर क्लीक करना होगा।
  • इन सभी स्टेप्स को फोलो करने के बाद आपको Start IAS registration with part-1 का ऑप्शन दिख जायेगा आपको उस पर क्लिक करना होगा।
  • Start IAS registration with part-1 ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा ।आपको उस फॉर्म में अपनी सारी Personal Details यानि की आपका नाम आपके माता पिता का नाम आपकी जन्म तारीख जेसी सारी details आपको इस फॉर्म में भरनी होगी।
  • अपनी सारी Personal Details को इस फॉर्म में भरने के बाद आपको अपनी एग्जाम के लिए Centre Choose करना होगा।
  • और इस के बाद अपना Passport Size Photograph, Signature और अपना Identity card Upload करना होगा।
  • यह सब कुछ करने के बाद आपको Declaration फॉर्म को Accept करना होगा।
  • ये सबकुछ करने के बाद आपको अपनी सारी इनफार्मेशन को एक बार ध्यान पूर्वक चेक करना होगा। अगर कोई भी मिस्टेक आपसे हुई होगी तो आप उसको फिर से ठीक कर सकते हो। सारा फॉर्म चेक करने के बाद आपको Application भरने के लिए Rs.100 भरना होगा। ये सब होने के बाद आपको अपना फॉर्म सबमिट करना होगा।
  • अब आपके सामने एक फॉर्म आ जायेगा। इसको आप प्रिंटआउट निकाल के अपने फ्यूचर रिफरेन्स के लिए अपने पास रख सकते हो। ( यह फॉर्म एग्जाम के टाइम पर एग्जाम के सेंटर में भी लगेगा )

कलेक्टर बनने के लिए तैयारी कैसे करे?

कलेक्टर बनना इतना आसन नहीं है जितना हम लोग समजते है लेकिन ऐसा भी नहीं है की हम नहीं बन सकते अगर हम दिन रात महेनत करे और पढाई पर पूरी तराह ध्यान दे तो एक दिन हम जरुर एक अच्छे कलेक्टर बन सकते है।

कलेक्टर बनने के लिए पहेले तो आपको अपना जनरल नॉलेज मजबूत बनाना पड़ेगा।

जितना बन सके उतना करंट अफ़ेयर्स पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे।

  • हर दिन न्यूजपेपर जरुर पढे।
  • अपनी सेल्फ study हो सके उतना ज्यादा ध्यान दे।
  • कलेक्टर की एग्जाम की अभी तक की सभी प्रश्नपत्रिका को जमा करे उन सभी का उत्तर निकाले।

डीएम तथा कलेक्टर में अंतर

डीएम और कलेक्टर में क्या क्या अंतर होता है आइए इन दोनों के बारे में हम एक एक कर के जानते है।

डीएम ( District magistrate):

देश के किसी भी जिले का सबसे मुख्य ऑफिसर डीएम होता है। डीएम किसी भी जिले के एडमिनिस्ट्रेशन विभाग का प्रमुख होता है जो पुरे जिले पर अपना कंट्रोल रखते है जिले में होने वाली सभी प्रकार की गतिविधियो की जिम्मेदारी एक डीएम की होती है। एक डीएम का होद्दा कलेक्टर से कही ज्यादा बढ़कर होता है। डीएम के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।

  • जिले की कानून व्यवस्था को बनए रखना
  • पुलिस और जेल दोनों को अपने कंट्रोल में रखना
  • क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के द्वारा केस की सुनवाई करना
  • जिले में आनेवाले आपातकालीन मुश्केलियो हेतु प्रबंधन करना

कलेक्टर (collector)

देश के किसी भी जिले में कलेक्टर का पद प्रमुख होता है। कलेक्टर राजस्व विभाग के मुख्य ऑफिसर होते है। इनके अंतगर्त राजस्व से संबधित अलग अलग प्रकार की भूमि कर, इनकम टैक्स, किसानो को रुण वितरण, फसलो को होने वाले नुकसान का मुआवजा, आदि कार्य एक कलेक्टर के भाग में आते है।

कलेक्टर का मुख्य कार्य भू–राजस्व का संग्रह करना है यानी यू कहे तो भूमि और वित्तीय कार्यों का मुख्या कलेक्टर होता है ।

कलेक्टर बनने के लिए कोचिंग

हमारे देश के लगभग सभी बड़े जिले में एक ऐसी कक्षाओ की रचना की जाती है जिसमे आप सरकारी नोकरी जैसे बैंक, रेलवे , एसएससी, यूपीएससी जेसी सभी एग्जाम की तैयारी करवाती है। जहा आप कलेक्टर बनने की एग्जाम की तैयारी कर सकते है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली में इस तरह की कही कोचिंग क्लासिस है जहा पर पिछले कही सालो से इस तराह की एग्जाम की तैयारी करवाते है।

जैसा की मेने ऊपर इस आर्टिकल में बताया की कलेक्टर बनना कोई आसन बात नहीं है तो जाहिर सी बात है की आपको अगर कलेक्टर बनना है तो उसके लिए आपको पढाई में बहोत ही ज्यादा ध्यान लगाना पड़ता है और उसके लिए समय भी निकल कर पूरी जी जान से महेनत करनी पड़ती है। कोचिंग क्लासीस में आपको कम से कम 3 से 4 घंटे पढ़ने के बाद आपको घर आकर घर पर भी पूरी तरह पढाई पर ध्यान लगाना पड़ता है।

Last Final Word :

दोस्तों, हम उम्मीद करते है की कलेक्टर कैसे बने की पूरी जानकारी के बारे में इस आर्टिकल के जरिये आपको पता चल गया होगा जैसे कलेक्टर कौन होता है और कलेक्टर के कार्य, कलेक्टर बनने के लिए क्या करे ?, कलेक्टर बनने के लिए आयु सीमा क्या होनी चाहिए?, कलेक्टर बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी पड़ती है?, कलेक्टर बनने के लिए फॉर्म अप्लाई कैसे करे?, कलेक्टर बनने के लिए तैयारी कैसे करे?, डीएम तथा कलेक्टर में अंतर, कलेक्टर बनने के लिए कोचिंग जैसी सभी माहिती से आप वाकिफ हो चुके होगे।

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