नमस्कार दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे की E-KYC क्या है और ई केवाईसी से जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी के बारे में चर्चा करेंगे। अपने ग्राहक को पहचानने का जो आधार होता है उसे हम केवाईसी कहते है, यानी कि कोई संस्थान के पास ग्राहक होते हैं तो उन्हें हर ग्राहक के बारे में जरुरी जानकारी रखना आवश्यक होता है। जानकारी में सबसे महत्त्वपूर्ण ग्राहक का नाम और उसका पता आता है फिर उसके बाद ग्राहक की उम्र, लिंग, जन्म तिथि आदि आता है।
यह सारी जानकारी जानने के लिए संस्था ग्राहक के पास वैलिड आईडी प्रूफ की मांग करती हैं, जिससे संस्था को यह पता चल सके कि यह सभी जानकारी सही है। फिर दी गई सभी जानकारी को उनके दस्तावेजों से मिलाकर चेक करते है की सभी जानकारी सही है या नहीं, इसी को सरल भाषा में केवाईसी कहते हैं।
कुछ साल पहले जब हम सिम कार्ड लेते थे या फिर बैंक अकाउंट खोलते थे तो हमें सिर्फ एक ही डॉक्यूमेंट चाहिए होता था। लेकिन अब सारे काम ऑनलाइन हो गये है जैसे की, बिल पेमेंट करना, शॉपिंग, मोबाइल रिचार्ज आदि के लिए अब हमें दुकान जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. हम घर बैठे ही मोबाइल या फिर लेपटॉप यह सभी कार्य कर लेते है।
किन्तु अब जब आप कोई भी बैंक में खाता खुलवाने जायेंगे तो सबसे पहले आपको KYC के लिए जरूर पूछेंगे। हम जब कभी भी ऑनलाइन किसी एप में बैंक अकाउंट, वॉलेट अकाउंट आदि खोलते है तो उसमे भी हमें KYC कराना आवश्यक है। क्योंकि भारत सरकार ने वह सभी अकाउंट जिसमें पैसों का ट्रांजैक्शन होता है उसमें KYC आवश्यक कर दिया है। आज भी बहुत सारे लोगो को मालूम नहीं होता है की KYC क्या है? वह सभी लोगो ने केवाईसी का नाम भी मुश्किल से सुना होता है।
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केवाईसी क्या है? (What is KYC in Hindi)
जब KYC की सेवा शुरु हुई थी तब जब लोगो को केवाईसी के बारे में लोगों समजाते थे तब लोगो को यह सारी बाते सुनकर हैरानी होती थी क्योंकि उन्हें लगता था की हम सब तो पहले से ही डॉक्यूमेंट देते है इसीलिए तो सेवा का उपयोग कर पाते है। गैरकानूनी कामों को रोकने के लिए सरकार ने एक प्रोसेस बना कर दिया जिसे हम KYCकहते है, जिसकी मदद से सारे वेरीफिकेशन एक निश्चित रूप से की जाते है।
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E-KYC क्या है? (What is E-KYC in Hindi)
KYC के अंतर्गत लोगों को सेवा का उपयोग करने के लिए अपने वैलिड दस्तावेज की कॉपी को जमा करवाना पडता है और उसके बाद जो भी डॉक्यूमेंट होते है उसे चेक किया जाता है। किन्तु जब यही प्रोसेस इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने में आये तो इसे EKYC कहते है।
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KYC का फुल फॉर्म क्या है? (Full Form of KYC in Hindi)
KYC का फुल फॉर्म English में : Know Your Customer.
KYC का फुल फॉर्म हिन्दी में : अपने ग्राहक को जानो।
जब कोई संस्था या फिर Company किसी भी व्यक्ति के साथ जब बिजनेस शुरू करती है तो वह उस व्यक्ति के बारे में हर जानकारी जानना चाहती है।
आप भी जब किसी व्यक्ति के साथ बिज़नेस करते है तो यह जरूर जानने की कोशिश करेंगे कि जिस व्यक्ति के साथ आप व्यापार कर रहे हैं वह व्यक्ति कौन है, उसके घर का पता क्या है इत्यादि. हम व्यापार भी उन्ही के साथ करते है जिसपे हमे भरोसा है और इसी भरोसे को बनाये रखने के लिए हमें उस व्यक्ति के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करनी पड़ती है। केवाईसी बैंक से जुडी हुयी एक प्रक्रिया है जिसका ग्राहकों की पहचान के रूप में उपयोग किया जाता है।
केवाईसी आने के बाद कुछ ही समय में केवाईसी बहोत ही महत्तवपूर्ण हो गया और सारी दुनिया में बहोत ही उपयोगी हो रहा है।KYC संस्था को यह भरोसा दिलाता है की वह कानूनी रूप से योग्य व्यक्ति के साथ बिज़नेस कर रहे है और KYC वह व्यक्तिओं को भी सुरक्षित रखता है जिन्हें फाइनेंशियल गैरकानूनी कार्यों से नुकसान होता है।
बहोत सी बैंकों ने अपने ग्राहकों की जानकारी को इकट्ठा करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर किया हुआ है जिसे कुछ देश इन्हें Customer Identification Program कहते है। उसमे जो जानकारियाँ स्टोर होती है वह कुछ इस तरह है : नाम, सामाजिक सुरक्षा संख्या, जन्मतिथि, घर का पता आदि शामिल होता है।
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केवाईसी के लिए जरूरी दस्तावेज कौन कौन से है?
KYC के लिए जरुरी दस्तावेज निचे दिए गए है :
- पहचान पत्र (identification proof)
- निवास का प्रमाण (address proof)
- जन्म प्रमाण पत्र (birth certificate)
- मोबाइल नंबर (Mobile Number)
- ईमेल आईडी (Email ID)
- फोटोग्राफ (Photograph)
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पहचान पत्र (identification proof)
वर्तमान में भारत में पहचान पत्र के लिए जो सबसे योग्य पत्र है वह है आधार कार्ड।मतलब कि आपके पास आधार कार्ड होना बहोत ही आवश्यक है अगर आपके पास आधार कार्ड है तो आप उसका उपयोग किसी भी सरकारी सेवा के लिए, सिम कार्ड के लिए, गैस कनेक्शन के लिए या फिर किसी भी संस्था में पहचान वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आधार कार्ड के अलावा भी कई सारे पहचान पत्र है जो आप पहचान के लिए उपयोग कर सकते है जैसे की वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड. ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
निवास का प्रमाणपत्र (address proof)
जब भी कोई संस्था या फिर संगठन अपने ग्राहक के बारे में जानने के लिए सबसे पहले वह पहचान पत्र देखती है और उसके साथ साथ वह घर का पता यानि की एड्रेस जानने की भी कोशिश करती है। इसीलिए KYC कराने के लिए एड्रेस प्रूफ होना बहोत ही आवश्यक है। एड्रेस प्रूफ के लिए अधिकतर लोग आधार कार्ड, वोटिंग कार्ड या फिर ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल करते है।
जन्म प्रमाण पत्र (birth certificate)
हमारे देश में बहोत सी एसी सेवा है जिसे प्राप्त करने के लिए आयु सीमा निर्धारित करना बहोत ही आवश्यक है। मनुष्य की उम्र जानने के लिए जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग किया जाता है।
मोबाइल नंबर (Mobile Number)
आज के डिजिटल युग में मोबाइल नंबर बहोत ही जरुरी है, फिर चाहे आधार कार्ड हो या फिर बैंक अकाउंट उसमें एक मोबाइल नंबर हमें लिंक करना पड़ता है। मोबाइल नंबर का उपयोग OTP यानि की One Time Password के लिए होता है।
ईमेल आईडी (Email ID)
ईमेल आईडी मोबाइल नंबर के ऑप्शन में आता है अगर किसी संजोगावश आपका मोबाइल नंबर काम नहीं कर रहा है तो आप ईमेल आईडी का उपयोग कर सकते है।
फोटोग्राफ (Photograph)
मनुष्य की पहचान उसके नाम के साथ साथ चेहरे से भी होती है इसीलिए केवाईसी करने के लिए पासपोर्ट साइज़ का फोटो भी आवश्यक है।
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E-KYC करने का प्रोसेस
दोस्तों जब भी आप किसी संस्था में किसी सेवा या फिर कार्य करने के लिए जाते है तो उसके लिए आपको क्या-क्या करना पड़ेगा और किस तरह से E-KYC के जरिये आप अपना वेरिफिकेशन करवा सकते है? आइए हम विगतवार चर्चा करते है :
मान लीजिए की आप किसी भी एक कंपनी का सिम कार्ड खरीदना चाहते हैं तो आप आप मोबाइल के स्टोर पर जायेंगे तो सबसे पहले वह आपका आधार कार्ड मांगेगे फिर जब वह व्यक्ति आपके आधार नंबर को वेरीफाई करेंगे जिसकी मदद से आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगी और उस OTP के माध्यम से आपका आधार कार्ड वेरीफाई हो जाएगा और आपको आसानी से सिम कार्ड मिल जाएगा और 1 या फिर 2 घंटे में शुरू भी हो जाएगा।
आजकल हर जगह पर बायोमेट्रिक का इस्तेमाल होता है जिसकी वजह से गैर कानूनी प्रक्रियाओं पर आसानी से काबू किया जा सकता है। आप किसी कंपनी या संस्था में काम करते हैं तो वहां पे आप बायोमेट्रिक के माध्यम से अपना अटेंडेंस करवाते है तो इसके बहोत फायदे हैं। जैसे कि कंपनी में अगर कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं है तो उसकी जगह पे कोई दूसरा व्यक्ति उसकी हाजिरी नहीं दर्शा सकता है। बायोमेट्रिक एक पक्का सबूत होता है कि व्यक्ति कंपनी में मौजूद था या नहीं था।
E-KYC एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से KYC की जाती है।
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KYC कराने से हमें कौन कौन से फायदे होते है?
- हमे कोई भी नई सेवा शुरू करवानी है तो आसानी से करवा सकते है।
- E-KYC के जरिये ab कोई भी सेवा 1 या फिर 2 घंटे में शुरू हो जाती है।
- E-KYC की वजह से भागदौड़ से छुटकारा मिल गया है क्योंकि हमे हमारे डाक्यूमेंट्स को लेकर इधर उधर दौड़ना नहीं पड़ता है।
- पहले कभी कभी एसा होता था की सिम कार्ड लेने के के लिए बहोत से लोग दुसरो के आईडी का उपयोग किया करते थे लेकिन अब E-KYC की वजह से गैरकानूनी कामों से भी छुटकारा मिल गया है।
- E-KYC आने की वजह से कोई भी नयी सेवा का उपयोग हम आसानी से कर सकते है और खर्चा भी कम होता है, हमे बार बार दतावेजों की ज़ेरोक्ष कॉपी नहीं करवानी पड़ती।
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Last Final Word :
वर्तमान समय में आप अगर कोई नयी सेवा लेने के बारे में सोच रहे है तो उसके लिए आपको KYC करवाना बहोत ही जरुरी है किन्तु सभी लोगो को पता नहीं होता है की KYC क्या है? (What is KYC in Hindi), E-KYC करवाने के लिए क्या करे?, E-KYC का महत्त्व क्या है?, KYC का फुल फॉर्म क्या है?, KYC कराने से हमें कौन कौन से फायदे होते है? आदि। हमने इस आर्टिकल के जरिये यह सभी टॉपिक्स विस्तृत से समजाने की कोशिश की है जिससे आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल सके।
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