नमस्कार दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे की G-7 और G-20 क्या है? और G-7 और G-20 के कार्य और सम्मलेन क्या है? तो आगे पढ़ते है और पुरे विस्तार से जानते है। G-7 अर्थात द ग्रुप ऑफ़ सेवन (The Group of Seven, G7) यह एक आंतरराष्ट्रिय स्तर की अंतर सरकारी आर्थिक संस्था है। इसमें दुनिया की 7 सबसे बड़ी आइएमएफ़ (IMF) द्वारा बताई गई विकसित अर्थव्यवस्थाए शामिल है। तो आइए जानते है की G-7 और G-20 क्या है?
G-7 की स्थापना (Establishment of G-7)
G-7 की स्थापना 6 विकसित देश जैसे की फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने सन 1975 में की थी, उस समय की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओ द्वारा विश्व के अलग-अलग मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक अनौपचारिक मंच के रूप में G-7 की रचना की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब इसका विस्तार करके G-10 या G-11 बनाना चाहते है जिसमे भारत भी शामिल होगा।
उल्लेखनीय है की 46वें शिखर सम्मेलन का आयोजन अमेरिका के कैंप डेविड (Camp David) में 10-12 जून के मध्य किया जाना था। 45वां G-7 शिखर सम्मेलन 24-26 अगस्त को फ़्रांस के बिआरित्ज (Biarritz) में आयोजित किया गया था, जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया था।
यह समूह खुद को ‘कम्युनिटी ऑफ़ वैल्यूज’ यानि मूल्यों का आदर करने वाला समुदाय मानता है। स्वतंत्रता और मानवाधिकारो की सुरक्षा, लोकतंत्र और कानून का शासन और समृद्धि सतत विकास, इसके प्रमुख सिद्धांत है।
G-7 के सदस्य देश (G–7 Member Countries)
विश्व की समस्याओ पर सभी का ध्यान दिलाने के लिए विश्व के 7 सबसे विकसित देश (फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा) हर साल किसी देश में चर्चा करने के लिए इकठ्ठे होते है। G-7, विश्व के उच्चतम समृद्ध औद्योगिक देशो- फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा का एक समूह है। यह एक प्रक्रिया चक्र में चलती है। उर्जा निति, आर्थिक विकास एवं संकट प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, एचआईवी-एइड्स और वैश्विक सुरक्षा जैसे कुछ विषय है, जिन पर पिछले शिखर सम्मेलनों में चर्चाए हुई थी।
फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और अमेरिका से G-6 बना था। इसके बाद 1976 में कनाडा भी इस समूह में शामिल हो गया उसके बाद यह G-7 और 1998 में रूस के शामिल होने के बाद कई वर्षो तक G-7 को G-8 के रूप में जाना जाता था, लेकिन रूस को क्रीमिया विवाद के बाद इस समूह से निष्कासित किया गया इसीलिए इस समूह को एक बार फिरसे G-7 कहा जाने लगा। अलग- अलग समयों पर G-7 का नाम G-8 भी हो जाता है। डोनाल्ड ट्रंप विभिन्न अवसरों पर रूस के वैश्विक रणनीतिक महत्त्व को देखते हुए उसे पुनः समूह शामिल करने की बात पर जोर दे चुके है।
अब इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, रूस और दक्षिण कोरिया को शामिल होने के बाद इसके G-11 होने के आसार है। ये देश दुनिया के सबसे ज्यादा औद्योगिक प्रवृत्तिया करने वाले देश है। नवम्बर 1975 में पेरिस के नजदीक रैमबोनिलेट (Rambonilet) में G-7 का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। 2018 में G-7 समूह के सदस्य देशो का वैश्विक निर्यात में 49%, विश्व की जीडीपी का 46% और दुनिया के कुल धन के 58% का मालिक है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के परिसंत्तियो में 49% हिस्सेदारी है।
G-20 (Group-20)
G-20 विश्व की प्रमुख विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक मंच है, इसकी रचना सितम्बर 1999 में G-7 देशो के वित्त मंत्रियो द्वारा एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर की थी जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के साथ ब्रेटन वुड्स संस्थागत प्रणाली की रुपरेखा के भीतर आने वाले व्यवस्थित महत्वपूर्ण देशो के बिच अनौपचारिक बातचीत एवं सहयोग को बढ़ावा देता।
G 20 एक ऐसा समूह जिसमें 19 देश हैं और 20वां यूरोपीय संघ है। साल में एक बार G-20 शिखर सम्मेलन होता है, जिसमें राज्यों के सरकार प्रमुखों के साथ उन देशों के केंद्रीय बैंक के गवर्नर भी शामिल होते हैं। सम्मेलन में मुख्य रूप से आर्थिक मामलों पर चर्चा होती है।
इस समूह के सदस्य देशो के वित्त मंत्रियो और केन्द्रीय बैंको के गवर्नर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनो में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरुरी प्रमुख आर्थिक सुधारो पर विचार-विमर्श करने के लिए सालाना बैठक करते रहते है।
इन सभी बैठको के अलावा वरिष्ठ अधिकारियो और विशेष मुद्दों पर नीतिगत समन्वय पर काम करने वाले कार्य समूहों के बिच साल भर चलने वाली बैठके भी होती है।
G-20 की शुरुआत, एशियाई वित्तीय संकट के परिप्रेक्ष्य में 1999 में की गई थी। साल 2008 में G-20 के नेताओ का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था और वैश्विक वित्तीय संकट का प्रभावी रूप से जवाब देने के लिए राष्ट्र अध्यक्षों के लिए एक उंचीकरण 2008 में किया था। इसकी निर्णायक और समन्वित कारवाई ने उपभोक्ता और और व्यापार में विश्वास रखने वालो को शक्ति दी और आर्थिक सुधार के पहले चरण का समर्थन किया। 2008 के बाद से G-20 के नेता 8 बार बैठक कर चुके है।
G-20 शिखर सम्मेलन में रोजगार के सर्जन और मुक्त व्यापार पर ज्यादा जोर देने के साथ वैश्विक आर्थिक विकास को समर्थन देने के उपायों पर ध्यान देना जारी है। G-20 के अध्यक्ष हर साल कई अतिथि देशो को आमंत्रित करते है।
G-20 वित्तीय स्थिरता बोर्ड, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन के साथ मिलकर काम करता है। G-20 की प्रमुख बैठको में हिस्सा लेने के लिए कई अन्य संगठनो को भी आमंत्रित किया जाता है।
G-20 के सदस्य (Members of The G-20)
G-20 शिखर सम्मेलन यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद् के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्र बैंक द्वारा किया जाता है। G-20 की शक्ति और सार्थकता आकलन इसे कहा जा सकता है की विश्व की दो-तिहाई जनसँख्या G-20 में निवास करती है तथा वैश्विक सकल घरेलु उत्पाद के 85% भाग का उत्पादन इन देशो द्वारा किया जाता है तथा वैश्विक व्यापार का 75% इन देशो द्वारा ही संपन्न किया जाता है।
G-20 के सदस्य है- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ।
G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit)
- 14-15 नवम्बर, 2008 वोशिंग्टन, अमेरिका
- 2 अप्रैल, 2009 लंदन, यूनाइटेड किंगडम
- 24-25 सितंबर, 2009 पिट्सबर्ग, अमेरिका
- 26-27 जून, 2010 टोरंटो, कनाडा
- 11-12 नवम्बर, 2010 सियोल, दक्षिण कोरिया
- 3-4 नंबर, 2011 कान्स, फ़्रांस
- 18-19 जून, 2012 लोंस कोबोस, मेक्सिको
- 5-6 सितम्बर, 2013 सेंट पीटर्सबर्ग, रूस
- 15-16 नवम्बर, 2014 बिरसबेन, ऑस्ट्रेलिया
- 15-16 नवेम्बर, 2015 अंतालिया, तुर्की
- 4-5 सितंबर, 2016 हांगझोऊ, चीन
- 7-8 जुलाई, 2017 हैम्बर्ग, जर्मनी
- 30 नवम्बर- 1 दिसंबर, 2018 ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना
- 28-29 जून, 2019 ओसाका,जापान
- 21-22 नवेम्बर, 2020 सऊदी अरब
- 30-31 अक्टूबर, 2021 इटली
प्रबंधन व्यवस्था (Management System)
G-20 की अध्यक्षता एक सिस्टम के तहत हर साल बदलती ही रहती है जो समय के साथ क्षेत्रीय संतुलन को सुनिश्चित करता है। G-20 के पास कोई कायमी सचिवालय नहीं है, जो उसकी अनौपचारिक राजनितिक मंच की प्रकृति को दर्शा सके। G-20 के प्रमुख की जवाबदारी है की वह G-20 एजेंडा पर अन्य सदस्यों के साथ परामर्श करे और वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास की प्रतिक्रिया देने के लिए उसे साथ लाए।
सातत्य सुनिश्चित करने के लिए अध्यक्षता को हाल के समय में यानि की वर्तमान में, तत्काल अतीत यानि की भूतकाल में और भविष्य के मेजबान देशो से बनी “तिकड़ी” का समर्थन मिलता है। साल 2015 में तुर्की ने G-20 की अध्यक्षता की थी। तुर्की के मेजबानी वर्ष के दौरान तुर्की, ऑस्ट्रेलिया और चीन G-20 तिड़की के सदस्य थे।
हर साल होने वाली शिखर सम्मेलन की तैयारी वरिष्ठ अधिकारियो की जिम्मेदारी होती है और उन्हें ‘शेरपा’ कहा जाता है। G-20 के नेताओ का प्रतिनिधित्व भी वह करते है। G-20 नेतृत्व शिखर सम्मेलन की कई बैठके आयोजित करने की तैयारी ऑस्ट्रेलिया कर रहा है। उसमे कई बैठके शामिल है, जैसे की वित्तमंत्रियो, व्यापार मंत्रियो, रोजगार मंत्रियो, शेरपाओ, वित्तीय उपाध्यक्षो तथा विषय-विशिष्ट कार्य दलों की बैठके।
Last Final Word
दोस्तों! इस आर्टिकल के जरिये G-7 और G-20 क्या है?, साथ ही उनके कार्य और सम्मेलन से जुडी सारी जानकारी हमने आपको दे दी है। अगर इस आर्टिकल से जुड़ा कोई प्रश्न हो, आप कमेंट बोक्स में पूछ सकते है।
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