जमा बीमा क्या होता है?

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दोस्तों आज के आर्टिकल में हम जमा बीमा क्या होता है उसके बारे में बात करेंगे। आप हमारे आर्टिकल को ध्यान से पढ़ना ताकि इस विषय से संबंधित हमारी जानकारी आप तक पहुंच सके।

भारत सरकार के द्वारा वित्त मंत्रालय और भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के सुझाव को ध्यान में रखते हुए ₹100000 से ऊपर के बैंक जमा पर बीमा होने की बात की गई थी।

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जमा बीमा क्या होती है?

इसमें ग्राहक के द्वारा जमा की गई धन राशि पर बीमा का प्रावधान मिलता है। बीमा के लिए कुछ प्रीमियम लिया जाता है।

किसी कारणों सर बैंक के डूब जाने पर ग्राहकों के द्वारा जमा की गई धनराशि को सुरक्षित करने के लिए भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के आधीन एक निगम की शुरुआत की है। इसका नाम जमा बीमा एवं ऋण प्रतिभूति निगम का नाम दिया गया है।

जमा बीमा होने पर बैंक के द्वारा हर साल जमा राशि के 0.01% अंश की समतुल्य राशि डीआईसीजीसी को भुगतान करता है।

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बैंक के डूबने पर जमा कर्ताओं की धनराशि का क्या होता है?

जब कोई कारणों सर बैंक डूब जाता है तो धन राशि को जमा करने वाला जमा कर्ताओ को अधिकार है कि वह डीआईसीजीसी से प्रति व्यक्ति ₹100000 का बीमा प्राप्त कर सके।

₹100000 की बीमा राशि के साथ साथ मूल और व्याज दोनों शामिल किए जाएंगे।

कोई जमा कर्ता बैंक के विविध खाते यानी कि बचत खाता, चालू खाता, सावधि खाता और आवर्ती खाता मैं जमा मूल राशि और उस पर मिलने वाला व्याज दोनों ₹100000 की बीमां की सीमा के अंदर होगा।

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डूबे हुए बैंक से जमा करता अपने धनराशि का दावा कैसे कर सकता है?

डीआईसीजीसी धन राशि को जमा करने वाले जमा कर्ता से सीधी तरीके से नहीं बरतता है।

भारतीय रिजर्व बैंक या फिर रजिस्ट्रार को जब निर्देश मिलता है कि किसी भी बैंक को निरस्त करना है, तो तब वे एक औपचारिक निरसनकर्ता की नियुक्ति करता है जो बैंक को समेटने की पूरी प्रक्रिया को संपूर्ण करता है।

डीआईसीजीसी अधिनियम के अंतर्गत निरसनकर्ता डीआईसीजीसी को अपनी नियुक्ति के 3 महीने के अंदर अंदर एक सूची बनाकर देता है जिसमें सभी बीमित जमा कर्ता और उनके बकाये का वर्णन होता है।

डीआईसीजीसी इस सूची के आधार पर 2 महीने के अंदर अंदर सभी को बकायों का भुगतान करता है।

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जमा बीमा के अंदर कौन से वित्तीय संस्थान आते हैं?

डीआईसीजीसी की बीमा सभी तरह की वाणिज्य और सहकारी बैंकों पर अमल होती है। इसके दायरे में मेघालय चंडीगढ़ लक्ष्यदीप और दादर नगर हवेली जैसे संघीय क्षेत्र के बैंक नहीं आते। साथ ही साथ प्राथमिक सहकारिता सोसाइटीयां का समावेश भी नहीं होता।

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किस प्रकार का जमा डीआईसीजीसी के दायरे में नहीं आता?

  • विदेशी सरकारों का जमा
  • केंद्र राज्य सरकारों का जमा
  • अंतर-बैंक जमा
  • राज्य भूमि विकास बैंक का खाता
  • भारत के बाहर प्राप्त किसी जमा पर देय राशि
  • कोई भी ऐसी राशि जिसपर DICGC ने RBI की अनुमति से छूट दे रखी हो।

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यह सुधार क्यों आवश्यक है?

  • बीमा कवर और बीमित राशि में बढ़ोती करने के लिए।
  • बीमा कवर देने के लिए निजी प्रतिष्ठानों को रजामंदी देने के लिए।

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Last Final Word

यह थी जमा बीमा के बारे में जानकारी। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी जानकारी से आपको इस विषय से संबंधित आपके प्रश्न के जवाब मिल गए होंगे। अगर अभी भी आपके मन में इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल रह गया हो तो हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताइए।

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