कारगिल युद्ध

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नमस्कार दोस्तों!आज से 22 साल पहले कारिगल का युद्ध हुआ था। भारत और पाकिस्तान के बिच और इस युद्ध में भारत की जित हुई थी। कश्मीर के कारगिल शहर में यह युद्ध हुआ था। इस लिए इस कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध 26 जुलाई 1999 की साल में हुआ था। इस युद्ध को भारत में विजय दिन के रूप में 26 जुलाई को मनाया जाता है। इस युद्ध के दौरान 527 वीर सैनिक शहीद हुए थे, और 1300 से ज्यादा सैनिक इस युद्ध में घायल हुए थे। पाकिस्तान के 1000 से 1200 सैनिक की इस युद्ध में मौत हुई थी। यह युद्ध 60 दिन तक चला था। भारत सैनिको जिस तरह आतंकवादी को कारगिल युद्ध में हराया है और भारत देश की रक्षा कर स्वयं का बलिदान दिया है, आज पुरे देश को उन पर गर्व है।

कारगिल युद्ध का इतिहास (History of Kargil War)

साल 1971 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध के बाद ही दोनों देशो में कई सारे युद्ध हुए थे, और दोनों देशो के अनगिनत सैनिक मारे गए एवं कई सैनिक घायल हो गए थे। इतिहासकारों के मुताबिक दोनों देशो में परमाणु परिक्षण को लेकर तनाव और ज्यादा बढ़ गया था। इस स्थिति को शांत करने के लिया दोनों देशो के बिच 1999 साल में लाहौर जिले में घोषणा पत्र पर सिगनेचर किए। इस पत्र में कश्मीर के मुदे को वार्तालाप द्वारा शांतिपूर्ण से सोल्व करने का वादा किया गया था। लेकिन पाकिस्तान अपने आधे सैनिक बल को नियत्रं बल रेखा में गुप्त तरीके से छिपा दिया था, और इस घुसपैठी का नाम रखा गया “ऑपरेशन बद्र” इन घुसपैठीओ का मुख्य उदेश कश्मीर एवं लदाख के बिच की कड़ी को नष्ट करना एवं भारतीय सैना को सियाचिन से हटवाना था।

8 मै 1999 पाकिस्तान के कुछ सैनिक और उनके के कैप्टन इफ्तेखार कारगिल की आजम चौकी पर बेठे थे। उन्हें देखा की कुछ भारतीय चरवाहे कुछ दुरी पर अपने मवेशियों चरा रहे थे।  पाकिस्तानी सैनिको ने उन्हे बंदी कर ने का विचार किया था परन्तु वे ऐसा नही कर पाये थे। उन्हे छोड़ दिया गया फिर थोड़ी देर बाद वह चरवाहे वापस आये भारतीय सैनिक के साथ भारतीय सैनिक ने उस जगह की जाँच की फिर वे चले गए उसके बाद करीब 2 बजे एक हेलीकोप्टर आया वह हेलीकोप्टर इतना निचा था की पायलट का बैज भी साफ दिखाई दे रहा था। इसी कारण से भारत के सैनिको को पता चल गया की पाकिस्तानी सैनिको ने कारगिल की पहाड़ी पर कब्जा कर लिया है, और वे कुछ भयानक करने की सोच रहे है।

ऑपरेशन विजय (Operation Vijay)

पाकिस्तान की इस योजना का पता भारतीय सेना को चल गया उन्हों ने ऑपरेशन विजय के रूप में इसका जवाब दिया इस मिशन में 2 लाख से अधिक भारत के सैनिक शामिल थे। इस युद्ध का अंत 26 जुलाई के दिन हुआ था। इस लिए इस दिनको भारत में “विजय दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

समयमई – जुलाई 1999
स्थानजिला कारगिल, जम्मू एंड कश्मीर
परिणामभारत ने कारगिल पर फिर से अधिकार प्राप्त कर लिया.

कारगिल के युद्ध की राजकीय जानकारी (State Information About Kargil War)

युद्ध में भाग लेने वाले देश [ Bellierents ]भारतपाकिस्तान
कमांडर और लीडरवेद प्रकाश मलिकपरवेज़ मुशर्रफ
शक्ति30,0005,000
दुर्घटनाएं और हानि -:  दोनों देशों के राजकीय आंकड़ों के अनुसार
मृत सैनिक527357 – 453
घायल सैनिक1363665 से अधिक
Pow18
ध्वस्त फाईटर प्लेन1
क्रेश फाईटर प्लेन1
ध्वस्त हेलिकोप्टर

कारगिल युद्ध क्षेत्र (Kargil War Zone)

जब अंग्रेजो ने भारत को स्वतंत्र कर दिया उस के बाद साल 1947 में भारत और पाकिस्तान का बटवारा हुआ था। उस से पहले लद्दाख जिला बल्तिस्तान का हिस्सा था। इस क्षेत्र में अलग अलग भाषा बोलने वाले एवं अलग अलग धर्म वाले लोग निवास करते है। जो इस क्षेत्र विश्व के उचे पहाड़ो के बिच घाटियों में निवास करते है। 1947 से 1948 में प्रथम कश्मीर युद्ध में बल्तिस्तान जिले को 2 विभाग में विभाजित किया गया था। अब कारगिल इस जिले का हिस्सा नही रहा था, बल्कि एक जिला बन गया था। कारगिल जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख सब डी.वि जन में आता है। भारत और पाकिस्तान के बिच साल 1971 में हुए युद्ध में भारत की जित हुई थी। इस के बाद दोनों देशो के बिच एक करार पत्र हुआ था। इस पत्र के हिसाब से दोनों देशो कि सीमाओ के सबंध में टकराव करना मना है।

कारगिल का तापमान हिमालय के दुसरे क्षेत्र की तरह ठंडा होता है। कारगिल विस्तार श्रीनगर से 205 किलोमीटर दूर स्थित है। कारगिल के इस क्षेत्र में ठंड का प्रमाण बहुत ज्यादा होता है। विंटर के मोसम में यहा का तापमान -48 डिग्री तक घट जाता है। पाकिस्तान का स्कदु जिला कारगिल से 173 किलो मीटर की दुरी पर ही है। इस लिए पाकिस्तान अपने सैनिक को सुचन और युद्ध का सामना की हेराफेरी करने में सक्षम रहता है।

कारगिल टकराव के दिन (Kargil Conflict Day)

पाकिस्तान ने सर्व प्रथम भारत के कश्मीर क्षेत्र में अपनी सैना को भेजा और वहा पर अपना कब्जा जमाया। भारत ने इन घुसपैठी का पता लगाना शरु किया और भारतीय सैना इसका जवाब देने के लिए उस स्थान पर जा पहुची। फिर भारत और पाकिस्तान के बिच युद्ध शरु हो गया। इस कारण से भारत ने उन सभी जगह पर जित गया जंहा पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया था, एवम अंतराष्टीय दबाव के कारण पाकिस्तान ने अपनी फौज को लाइन ऑफ़ कंट्रोल से पीछे हटा लिया था।

कारगिल की घटना एवम तारीख (Kargil Incident and Date)

तिथी [ 1999 ]घटनाएं
3 मई 1999पाकिस्तान के सैनिको ने कारगिल पर गुप्तप्रवेश किया जिसकी जानकारी ग्वाला द्वारा भारत के सैनिको मिली।
5 मई 1999भारतीय सेना को पेट्रोलिंग पर भेजी गयी, जिसमें से 5 हिन्दुस्तानी सैनिक पकडे गये और उन्हें इतना  यातना दी कि उनकी मृत्यु हो गयी।
9 मई 1999पाकिस्तानी फ़ौज द्वाराभारी मात्रा में गोला – बारी हुई और कारगिल में हथियारों की भारी मात्रा में क्षति हुई।
10 मई 1999सबसे पहले द्रास, काक्सर और मुश्कोह क्षेत्र में गुप्ताप्र्वेश की नोटिस की गयी।
10 मई दिन में 1999भारतीय सेना ने अपने कुछ और सैन्य दलों को कश्मीर घाटी क्षेत्र से कारगिल क्षेत्र की ओर भेजा दिया था।
26 मई 1999इंडियन एयर फ़ोर्स ने घुसपैठियों पर आक्रमण कर दिया।
27 मई 1999इंडियन एयर फ़ोर्स ने अपने 2 फाइटर प्लेन गवां दिए –: MIG-21 और MIG-27, इसमें से एक में फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता थे।
28 मई 1999पाकिस्तान ने हमारे IAF MI-17को शूट कर दिया, जिसमें 4 वायु सेना कर्मियों की मृत्यु हो गयी।
1 जून 1999पाकिस्तान द्वारा हमला किया गया।
5 जून 1999भारतीय सेना ने उन दस्तावेजों को प्रस्तुत किया, जो उन्हें भारतीय सेना की गिरफ्त में आए 3 पाकिस्तानी सैनिकों से मिले थे, जिनमें पाकिस्तान के शामिल होने का सबूत मिला।
6 जून 1999भारतीय सेना ने कारगिल में अपने सैन्य सुरक्षा बल और को बढ़ाया।
9 जून 1999भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर की 2 महत्वपूर्ण स्थानों पर फिर से कब्ज़ा प्राप्त कर लिया।
11 जून 1999भारत ने पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ [ चाइना विजिट के दौरान ] और जनरल स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अज़ीज़ खान [ रावलपिंडी में ] के बीच हुई बातचीत को पेश किया, जिसमें पाकिस्तानी आर्मी के शामिल होने का सबूत था।
13 जून 1999भारतीय सेना ने द्रास में टोलोलिंग को सुरक्षित कर लिया।
15 जून 1999युनाईटेड स्टेट्स के तत्कालीन प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन ने टेलीफोन पर बातचीत करके पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़ को कारगिल से पाकिस्तानी फ़ौज को वापस बुलाने को कहा।
29 जून 1999भारतीय सेना ने टाइगर हिल के पास की 2 महत्वपूर्ण पोस्ट – पॉइंट 5060 और पॉइंट 5100 पर कब्जा वापस ले लिया।
2 जुलाई 1999भारतीय सेना ने कारगिल में तीन ओर से हमला किया।
4 जुलाई 199911 घंटे के युद्ध के बाद भारतीय सेना टाइगर हिल पर वापस कब्ज़ा प्राप्त करने में सफल रही।
5 जुलाई

1999

भारतीय सेना ने द्रास पर भी अधिकार प्राप्त कर लिया।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने क्लिंटन के साथ हुई मीटिंग्स के बाद कारगिल से पाकिस्तानी फ़ौज हटाने की घोषणा की।

7 जुलाई 1999भारत ने बटालिक के जुबर हिल्स को भी पुनः प्राप्त कर लिया।
11 जुलाई 1999पाकिस्तान ने अपने कदम पीछे किये और भारत ने बटालिक में महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्ज़ा प्राप्त कर लिया।
14 जुलाई 1999तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वियाजपे ने ऑपरेशन विजय को सफल घोषित किया और सरकार ने पाकिस्तान के साथ वार्ता करने हेतु शर्तें निश्चित की।
26 जुलाई 1999औपचारिक रूप से कारगिल युद्ध समाप्त हुआ और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को पूर्ण रूप से उखाड़ फ़ेकने की घोषणा की।

कारगिल युद्ध स्मारक इंडिया (Kargil War Memorial India)

श्रीनगर के लद्दाख जिले के द्रास क्षेत्र में 26 जुलाई 1999 के दिन हुए हाथसे को एक मेमोरियल के रूप में बनाया गया है इस से 5 किमी की दुरी पर टाइगर हिल पार्क बनवाया गया है इस की स्थापना कारगिल के युद्ध में शहीद हुए जवानो की याद में बनवाया गया है। इस मेमोरियल के प्रवेश द्वारा पर 20वि सदी के प्रख्यात कवी माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखित कविता पुष्प की अभिलाषा लिखी गई है। मेमोरियल की दीवार पर शहीद सैनिक के नाम अंकित है। जो कारगिल के युद्ध में अपने प्राणों तक का त्याग कर दिया था। यह मेमोरियल का निर्माण ओपरेशन विजय की सफलता और भारत देश की जित को मनाने के लिए किया गया है। इस संग्रहलय में सैनिको के चित्र युद्ध में महत्वपूर्ण दस्तावेज पकिस्तान के हथियार आदि रखे गये है। इस के अलावा पटना शहर में भी कारगिल वर मेमौरियल बनाया गया है जो भारत देश की जित का प्रतीक है।

कारगिल दिन पर अनमोल वचन (Priceless Words on Kargil Day)

  • अगर कोई कहता है, कि उसे मृत्यु का मुझे भय नहीं है तो वह निश्चित रूप से या तो झूठ बोल रहा है या फिर वह गोरखा है।
  • कोई लक्ष्य इतना योग्य होता है, कि उसे हराना बहुत ही गौरवशाली होता है।
  • कोई लक्ष्य इतना योग्य होता है, कि उसे हराना बहुत ही गौरवशाली होता है।
  • आप तब तक नहीं जी सकते जब तक आप लगभग मर नहीं जाते, और जो इसके लिए लड़ने का विकल्प चुनता है उसे जीवन में एक विशेष स्वाद मिलता है, इसकी सुरक्षा कभी नहीं जानी जाएगी
    दुश्मन हमसे 450 वर्ग फुट की दूरी पर है, हम हद से ज्यादा हैं। मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा, लेकिन हमें अपने आखिरी आदमी और आखिरी दौर के लिए लड़ना होगा।
  • अगर मेरे खून को साबित करने से पहले मेरी मौत पर हमला किया जाता है, तो मैं कसम खाता हूं कि मैं मौत के घाट उतार दूंगा।
  • नहीं साहब, मैं अपना टैंक नहीं छोड़ूंगा। मेरी बंदूक काम कर रही है और मुझ पर इन कमीनों की भीड़ लग जाएगी।
  • मैं अपने देश के लिए और अधिक चोटियों पर कब्जा करना चाहता हूं।
  • हमारी यह यात्रा केवल दोस्तों के लिए सबसे अच्छी और दुश्मनों के लिए सबसे खराब है।
  • हम अदम्य हैं, हम निडर हैं।
  • परमेश्वर हमारे शत्रुओं पर दया कर सकता है, परन्तु हम नहीं करेंगे।
  • एक योद्धा, जो युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान देकर स्वर्ग में सम्मानित हो रहा है, युद्ध के मैदान में उसकी मृत्यु शोक नहीं है।
  • हमारे लिए दैनिक दिनचर्या क्या है, क्या यह आपके लिए जीवन भर का रोमांच है?
    संयोग से, एक सैनिक चुनाव में प्यार से जीता है, और पेशे से मारता है।
  • कठोर पुरुषों के लिए अंतिम समय कठिन भी नहीं होता है।
  • बदलाव वही रहता है, आपका काम और कर्तव्य। आपको सभी बाधाओं के खिलाफ देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
  • समय ही सब कुछ है, जीत और हार के बीच 5 मिनट का भी अंतर हो सकता है।
  • आतंकवादियों को क्षमा या दंड देना ईश्वर पर छोड़ दिया जाता है, लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ईश्वर के साथ उनकी नियुक्ति तय करें।
  • मृत्यु पंख से हल्की होती है, परन्तु कर्तव्य पहाड़ से भारी होता है।
  • एक डरपोक व्यक्ति अपनी मृत्यु आने से पहले बार-बार मरता है, लेकिन एक बहादुर व्यक्ति कभी भी अपनी मृत्यु का स्वाद नहीं चखता है।
  • अगर मैं युद्ध के मैदान में मर जाऊं, तो मुझे एक बॉक्स में घर भेजने से पहले अपनी बंदूक और मेरे पदक मेरे सीने पर रख दो, और अपनी माँ से कहो कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, और अपने पिता से कहो कि वे झुकें नहीं, अब मैं उन्हें बता दूँगा कि वहाँ होगा कोई बात नहीं, और मेरे भाई से कहो कि अच्छी तरह से पढ़ाई करो और अब मेरी बाइक की चाबी हमेशा के लिए उसकी है। मेरी बहन से कहो कि वह उदास न हो, उसका भाई इस सूर्यास्त के बाद नहीं उठेगा, और मेरे प्यार से यह कहने के लिए मत रोओ, “मैं एक सैनिक हूं और मैं मरने के लिए पैदा हुआ हूं।
    ऊपर मत आना, मैं टीम को संभाल लूंगा।
  • जीवन में अपने हिस्से को इतने जोश के साथ निभाओ, उसके बाद भी परदे नीचे आ जाते हैं और तालियाँ कभी नहीं रुकतीं।
  • जब आप वापस जाएं तो अपनों से कहें कि हमने अपना आज आपके आने वाले कल के लिए दे दिया।
  • वह गया, वह रोया। वह आया, वह रोया।
  • आप 18 साल की उम्र में वयस्क हैं, 10 साल तक भारतीय नौसेना की सेवा करते हैं और एक पुरुष बन जाते हैं।

कारगिल युद्ध के परिणाम (Kargil War Results)

भारत में कारगिल के इस युद्ध के कारण युवानो के अंदर देश के प्रति प्रेम और बढ़ गया था। भारत की अर्थ व्यवस्था और मजबूत बन गई, और भारत सरकार ने रक्षा के क्षेत्र को और बढ़ाया इस युद्ध से प्रेरणा ले कई फिल्म बनी जिनमे लक्ष्य,धुप, शेरशाह मुख्य थी। इस युद्ध के कारण  पाकिस्तान की अर्थ व्यवस्था में गिरावट आई एवं उस समय की सरकार को हटा दिया और दूसरी सरकार की रचना की थी।

भारतीय सेना को कारगिल युद्ध से नुक्सान (Kargil WarLoss to Indian Army)

कारगिल के हुए इस युद्ध में भारतीय सैनिको काबिलयत का उदाहरण है, जिस पर आज हर एक भारत देशवासी को गर्व है। लगभग 18 फिट उचे कारगिल के इस पर्वत पर लड़ी गई जंग में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। 1300 से ज्यादा सैनिक घायल हुए थे। इस युद्ध 2700 पाकिस्तानी सैनिक मरे गये थे, और 240 सैनिक युद्ध छोड़ के भाग गए थे।

Last Final Word

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