क्या रामायण और महाभारत काल में भी होते थे किसान या खेती?

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हमारे भारत देश को कृष प्रधान देश के नाम से जाना जाता है। हमारे देश में प्रचीनकाल से ही खेती का उद्भव हो चुका था। हर किसी के मनमे यह सवाल हो रहा होगा की आखिर भारत में खेती का प्रारंभ कैसे और कब हुआ था? क्या रामायण और महाभारत के युग में खेती और किसान हुआ करते थे या नही? तो चलिए जानते है।

हमारे भारत देश में खेती एवं पशुपालक का काम प्राचीनकाल से हो रहा है ऐसा कहा जाता है की महाभारत और रामयण काल से पहले भी खेती और किसान होते थे। लोग खेत हल चलाते थे और खेत में अनाज फल सब्जी आदि की खेती करते थे। उस समय के लोगो को पशुपालन काम भी किया करते थे। हमारे भारत के ऐसे कई त्यौहार है जो किसान और खेती से सबंध रखेते है।

ऋग्वेद के ग्रन्थ में खेती का वर्णन (The description of farming in the text of Rigveda)

ऐसा कहा जाता है की ऋग्वेद संसार की सर्वप्रथम पुस्तक है। इस पुस्तक के मण्डल में एक विवरण के मुताबिक अश्विनी के देवताओ ने राजा मनू को खेत में हल को चला ना सिखया था। ऋग्वेद के एक प्रसंग में अत्री के पुत्र अपाला ने अपने पिता से खेतो की सफलता के लिए प्राथना की थी।

अर्थवेद के ग्रन्थ में खेती का वर्णन (Description of agriculture in the text of Arthaveda)

खेती का वर्णन अर्थवेद में भी किया गया है। अर्थवेद के एक प्रसंग अनुसार प्रथम राजा पृथुवेंन्य ने ही खेती की थी। अर्थवेद में 12 बेलो का हल चलाने जाने का विवरण भी मिला है।

आयुर्वेद के ग्रन्थ में खेती का वर्णन (Description of agriculture in the text of Ayurveda) 

आयुर्वेद के ग्रन्थ में एक विवरण के पुताबिक 5 प्रकार के चावल की खेती करने का उल्लेख मिलता है। उन पाच चावल की फसल का नाम है। यथाक्रम- महाब्राहि, कृष्णव्रीहि, शुक्लव्रीही, आशुधान्य और हायन। इन सभी ग्रंथो से यह निश्चित होता है, की वेदकाल में भी खेती और किसान का उद्भव हो गया था।

जैन ग्रन्थ में खेती का वर्णन (Description of farming in Jain text)

रामायण काल से पहले जैन ग्रंथो के अनुसार भगवान ऋषभदेव ने कृषि, शिल्प, असी, मसि, वाणिज्य और विधा ऐसे 6 आजीविका के साधनों की बहुत ही अच्छी व्यवस्था की गई थी। देश और नगरो का भी अलग अलग विभागों में विभाजन किया गया है। भगवान ऋषभदेव के दो पुत्र और दो पुत्री थी। पुत्र का नाम भरत और बाहुबली पुत्रियों का नाम ब्राह्मी और सुंदरी था। भगवान ने इन चारो को सभी प्रकार की कला एवं सभी विधाए सिखाई थी। इस कुल के इक्ष्वाकु भी थे, और इन्ही के कुल में भगवान् राम हुए थे। पहले लोग प्रकृति के उपर निर्भर रहते थे। वह वृक्ष को ही अपना भोजन एवं अन्य सारी सुविधा मानते और समूह में रहते थे। ऋषभदेव सर्वप्रथम बार कृषि खेती करना सिखाया था। फिर भगवान  ऋषभदेव लोगो को शारीरिक और मानसिक क्षमताओ के साथ श्रम करना सिखाया था। ऋषभदेव को मानव मनोवेज्ञान में बहुत ही रूचि थी। भगवाना ने भाषा को बहुत अच्छी व्यवस्था से लिखने के लिए उपकरण के साथ ही संख्या का अविष्कार किया था। भगवान् को शिव की महापूरण में शिव के 28 योगतोवारो में गिना गया है। ऋग्वेद के ग्रन्थ में भगवान् ऋषभदेव का विवरण कही-कही और वातरशना मुनि के नाम से किया गया है।

रामायण और महाभारत के काल में खेती का वर्णन (Description of farming in the period of Ramayana and Mahabharata) 

रामायण के एक प्रसंग में राजा जनका जब खेत में हल को चला रहे होते है, तब उन्हे भूमि में से माता सीता मिलते है। इस तरह महाभारत में भगवान् कृष्ण के भाई बलरामजी के काढ़े पर हमेशा हल बिराजमान रहता था, इस लिए उन्हे हलधर खा जता है। इन बातो से यह सिद्ध होता है, की रामायण और महाभारत से पहले भी खेती होती थी।

सिंधुघाटी की सभ्यता में खेती का वर्णन (Description of farming in Indus Valley Civilization) 

सिधु घाटी की खुदाई के वक्त कुछ अवशेष से यह कहा जाता है, की उस वक्त के लोग बहुत सभ्य थे। उनको नगरो का निर्माण करना बहुत अच्छे से आता था। खुदाई के वक्त जहाज के कुछ अंश मिले है। जिससे यह मालूम पड़ता है, की वहा के लोग व्यापार करने के लिए दुसरे स्थल पर जाया करते थे। प्राचीन काल के लोग को बैलगाड़ी, जहाज, रथ आदि को चलाना अच्छे से सिख गये थे। हजारो साल पूर्व के लोगो को धर्म, ज्योतिष और विज्ञानं का ज्ञान भी बहुत अच्छी समझ रखते थे। प्राचीन काल के लोगो को ही द्रविड़ और आर्य कहते थे। इन दोनों में किसी भी प्रकार का कोई भी फर्क नही है। यह बात पुरातत्विक और डीऍनऐ के द्वारा सिद्ध की गई है। इस सभ्यता के लोग व्यापार के साथ कृषि और पशुपालन के कार्य भी किया करते थे।

Last Final Word

दोस्तों हमारे आज के इस आर्टिकल में हमने आपको प्राचीन समय में खेती की उत्पति कब हुई थी इस के बारे में बताया जैसे की ऋग्वेद के ग्रंथ में खेती का वर्णन, अर्थवेद के ग्रंथ में कृषि का वर्णन, आयुर्वेद के ग्रंथ में कृषि का वर्णन, जैन ग्रंथ में खेती का विवरण, रामायण और महाभारत काल में खेती का वर्णन, सिंधु घाटी सभ्यता में खेती का विवरण और सामान्य ज्ञान से जुडी सभी जानकारी आप वाकिफ हो चुके होंगे।

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