मरीन इंजीनियर वह होता है जो जहाज को डीजाइन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जहाजो के टेक्निकल मैनेजमेंट की सारी जिम्मेदारी मरीन इंजीनियर पर होती है। जहाज के लिए डीज़ल इंजन स्टीम टरबाइन, गैस टरबाइन जैसे मशीनरी का चुनाव और मैकेनिक इलेक्टरीड फ्लूइड और कंट्रोल सिस्टम की डिजाइन भी मरीन इंजीनियर ही तैयार करते है। मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) जहाज पर मौजूद मरीन टेक्नीशियन्स और अन्य कारीगरों की टीम का नेतृत्व भी करते है।
कई बार उम्मीदवारों (Candidates) को मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) के बारे में सही मार्गदर्शन नहीं मील पाता जिसके कारण उनके सपने अधूरे रह जाते है। इसलिए आज हम इस आर्टिकल में आपको मरीन इंजीनियर कैसे बने, इस के लिए कौन सी पढाई करनी होगी, इसके अलावा भी हम आपको मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगे। इसलिए इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) के साथ जुडी सारी जानकारी प्राप्त हो सके।
मरीन इंजीनियर कैसे बने? (How to Become a Marine Engineer?)
मरीन इंजीनियर Engineering की एक ब्रांच है जो समुद्री जहाजों की वास्तुकला और विज्ञान (Architecture and Science) से संबंधित है। मरीन इंजीनियर में निर्माण(Construction), इंस्टालेशन (Installation), परिचालन कार्य (Operational Work), मरम्मत (Repairing) और समारकाम (Maintenance) जैसे काम होते है। इसमें स्वचालित कार्य (Automatic Work), पाइपिंग कार्य या समुद्री जहाज नियंत्रण प्रणाली (Ship Control Systems) पर काम करना भी शामिल है।
मरीन इंजीनियर एक मांग वाला क्षेत्र है और इस क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए उम्मीदवारों (Candidates)को एक विशेष कौशल (Skills) की जरूरत होती है। अगर आप सफल और अच्छे मरीन इंजीनियर बनना चाहते है, आपके पास कुछ विशेष कौशल (Skills) होने चाहिए। जैसे की, प्रभावी संचार कौशल (Effective Communication Skills) विश्लेषणात्मक और गणित कौशल (Analytical and Mathematics Skills), अच्छी प्रबंध (Management) और योजना कौशल (Planning Skills) के अलावा कई और भी कौशल (Skills) होने चाहिए।
मरीन इंजीनियर बनने के लिए शिक्षा और योग्यता (Education and Qualification to Become a Marine Engineer)
दोस्तों, किसी भी प्रकार का आप काम करना चाहते है, उसके लिए कोई न कोई शिक्षा और योग्यता की जरूरत होती है वैसे मरीन इंजीनियर के लिए भी कुछ शिक्षा और योग्यता तय की गयी है।
मरीन इंजीनियर बनने के लिए शेक्षणिक योग्यता (Educational Qualification to become a Marine Engineer)
दोस्तों, मरीन इंजीनियर के लिए अपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं की परीक्षा फिजिक्स(Physics), केमेस्ट्री (Chemistry) और गणित (Math) में 60% अंको के साथ पास करनी होती है और अंग्रेजी में आपको 50% अंक लाना अनिवार्य होता है।
वैसे दोस्तों बहुत सारे इंस्टिट्यूट में आयु सीमा (Age Range) नहीं होती है, लेकिन कुछ इंस्टिट्यूट में आयु सीमा (Age Range) तय की जाती है।
दोस्तों, आप आईएमयू सीटेट (IMU-CET) की परीक्षा 25 वर्ष की आयु तक दे सकते है।
मरीन इंजीनियर बनने की परिक्षाए (Exams to Become a Marine Engineer)
Marine Engineer बनने के लिए अलग-अलग परिक्षाए आयोजित की गयी है। IMUCET, JEE Mains, JEE Advanced, TMSIET इत्यादि जैसी परिक्षाओ का आयोजन होता है। हम अपको बता दे कि इन सभी की प्रवेश परीक्षाओ में उम्मीदवार (Candidates) से मैथमेटिक्स (Mathematics), फिजिक्स (Physics), केमिस्ट्री (chemistry) और सामान्य ज्ञान (General Knowledge) जैसे विषयो पर प्रश्न पूछे जाते है। मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) बनने के लिए सबसे लोकप्रिय (Popular) परीक्षा आईआईटी-जेईई (IIT-JEE) है।
आईआईटी-जेईई परीक्षा (IIT-JEE Exam)
मरीन इंजीनियर के क्षेत्र में जो उम्मीदवार अपना करियर बनाना चाहता है उन्हें आईआईटी-जेईई परीक्षा को पास करना होता है। इस परीक्षा के माध्यम से उम्मीदवार देश के श्रेष्ठ मरीन इंजीनियरिंग संस्थाओ में प्रवेश ले सकते है।
मरीन इंजीनियर बनने के लिए शारीरिक योग्यता (Physical Eligibility to Become a Marine Engineer)
अगर कोई मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) बनना चाहता है, उसका 4 वर्षीय कोर्स करने के बाद मरीन इंजीनियरिंग में भर्ती होते समय उम्मीदवार की शारीरिक और मानसिक रूप से जाँच होती है। हम आपकी जानकारी के लिए बतादे की Marine Engineer बन जाने के बाद उम्मीदवार (Candidates) को महीनो अपने घर से दूर समुद्र में जहाज पर रहना होता है।
उम्मीदवार (Candidates) को अपने घर से दूर रहने के लिए उसे मानसिक से मजबूत रहना बहुत जरूरी होता है अगर कोई उम्मीदवार (Candidates) ऐसा नहीं कर सकता, फिर वह इस क्षेत्र में काम नहीं कर सकता। शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत आवश्यक है, यदि उम्मीदवार (Candidates) शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत नहीं होता, उसे मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) के पद पर नौकरी नहीं मिलती है।
मरीन इंजीनियर में आयु सीमा कितनी रहती है? (What is the age limit for Marine Engineer?)
- उम्मीदवार (Candidates) की आयु (Age) कम से कम 17 साल होनी चाहिए और अधिक से अधिक 25 साल तक होनी चाहिए।
- जो कोई उम्मीदवार (Candidates) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कैटेगरी के है, उनको आयु (Age) सीमा (Range) में 5 साल की छुट प्राप्त है।
मरीन इंजीनियर बनने के लिए पुरुष की शारीरिक योग्यताए (Men’s physical qualifications to become a Marine Engineer)
- पुरुष उम्मीदवार की लंबाई 150 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
- पुरुष उम्मीदवार के आँखों में किसी भी प्रकार का रोग नहीं होना चाहिए और ना ही उसको वर्णांधता (Color Blindness) होना चाहिए।
- पुरुष उम्मीदवार आँखों की द्रष्टि 6/6 और 6/9 होना अनिवार्य है।
मरीन इंजीनियर बनने के लिए महिला की शारीरिक योग्यताए (Women’s physical qualifications to become a Marine Engineer)
- महिला उम्मीदवार की लंबाई 145 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
- उसकी आँखों में किसी भी प्रकार का कोई रोग नहीं होना चाहिए। उम्मीदवार को वर्णांधता (Color Blindness) होना चाहिए।
- महिला उम्मीदवार की आँखों की द्रष्टि 6/6 और 6/9 होना चाहिए।
भारत की टॉप 10 Marine Engineer कोचिंग सेंटर्स
- Indian Maritime University (IMU) Chennai
- Vels Academy of Maritime Studies Chennai
- Tolani Maritime Institute (TMI) Mumbai
- Maharashtra Academy of Naval Education & Training (MANET) Pune
- International Maritime Institute (IMI) Noida
- International Maritime Academy (IMA) Chennai
- Institute of Technology & Marine Engineering (ITME) Kolkata
- Coimbatore Marine College (CMC)
- Academy of Maritime Education & Training (AMET University)
- Samundra Institute of Maritime Studies Mumba
मरीन इंजीनियरिंग में छात्रो का चुनाव कैसे होता है? (How Are Students Selected in Marine Engineering?
मरीन इंजीनियरिंग (Marine Engineering) ज्यादातर पाठ्यक्रम (Syllabus) मेकेनिकल इंजीनियरिंग से मिलता जुलता है। इस में चुने जाने वाले छात्रों को समुद्री जहाजों के इंजन और उसके उपकरणों को बनाने से लेकर उसे उपयोग करने तक सब जानकारी दी जाती है। शुरुआत के छात्रों का चयन इंजीनियरिंग कैडेट के पद पर किया जाता है।
यही कैडेट अपने अनुभव और क्षमता के आधार पर चीफ इंजीनियरस के पद तक पहुच जाते है। चीफ इंजीनियरस के पद तक पहुचने के लिए छात्रों को लगातार अपने ज्ञान बढाने और परीक्षाओ को पास करने की जरूरत होती है।
यह क्षेत्र चुनोतियो से भरा हुआ है इसलिए इस क्षेत्र में छात्रों को अपना करियर बनाने के लिए स्वास्थ्य का भी अहम रोल होता है। शारीरिक स्वाथ्य (Fitness) को ध्यान में रखते हुए छात्रों की न्यूनतम लंबाई 150 सेंटीमीटर या उससे अधिक होनी चाहिए। कद के अनुसार वजन भी होना आवश्यक है। अंत में छात्रों को मेडिकल फिटनेस टेस्ट फॉर सी सर्विस पास करना भी अनिवार्य है, उसके बाद ही छात्र मरीन इंजीनियर बन सकते है।
Marine Engineer में रोजगार के अवसर (Job Opportunities in Marine Engineer)
Marine Engineer के क्षेत्र में रोजगार की बहुत संभावनाए है इसका सबसे बड़ा कारण है की इस क्षेत्र का चुनाव बहुत कम छात्र करते है। इस लिए जो भी छात्र इस क्षेत्र में रूचि रखते है उनको नौकरी मिलने के मोका ज्यादा है। अगर उनको अच्छा ज्ञान है, इस क्षेत्र में छात्र केवल मरीन इंजीनियर और नेवल आर्किटेक्ट तक ही नहीं है बल्कि Marine Engineer को डिजाइनिंग रिसर्च (Designing Research) और कंसल्टेंसी (Consultancy) से जुड़े क्षेत्र में भी नौकरी कर सकते है। यहाँ पर उम्मीदवार (Candidates) साईट मेनेजर, शिप बिल्डर, मेटल वर्कर और कार्बन फाइबर टेक्निशियन तक बन सकते है। इतना ही नहीं मरीन इंजीनियर (Marine Engineer) के लिए टीचिंग और प्रशिक्षण में भी रोजगार के भरपूर अवसर मौजूद है।
हालांकि Marine Engineer की कमी होने के कारण Marine Engineer की मांग तेजी से बढ़ने लगी है। इस क्षेत्र का अच्छा अनुभव होने पर पेशेवरों को मैनेजमेंट स्तर के पदों पर जिम्मेदारी के अवसर भी मिलते है।
Marine Engineer बनने के बाद वेतन कितना मिलता है? (Salary after becoming a Marine Engineer)
मरीन इंजीनियर के पद पर कार्य करने वाले उम्मीदवार को बहुत ही आकर्षक वेतन (Salary) मिलता है। इसका वेतन (Salary) इस बात पर नकरता है की वह भारतीय पर कार्य कर रहा है, उसे शुरुआत में हर महीने 25,000 से लेकर 30,000 रूपए तक वेतन (Salary) मील सकता है। इसी के साथ उसे दूसरी सरकारी सुविधाए भी मिलती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की एक मरीन इंजीनियर को लगभग 6 महीनो तक जहाज पर ही रहता है जिसके कारण उसे एनआरआई ( Non Resident Indian) का दर्जा भी मील जाता है। इस लिए उसका वेतन कर (Tax) से भी मुक्त हो जाता है।
Marine Engineer से जुड़े कुछ सवाल-जवाब
1. Marine Engineer बन ने के लिए फिजिक्स (Physics), केमेस्ट्री (Chemistry) और गणित (Maths)में कितने अंको से पास होना अनिवार्य होता है?
Marine Engineer बन ने के लिए फिजिक्स(Physics), केमेस्ट्री (Chemistry) और गणित (Maths)में 60% अंको से पास होना अनिवार्य होता है।
2. Marine Engineer बन ने के लिए पुरुष और महिला की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए?
Marine Engineer बन ने के लिए पुरुष की ऊंचाई 150 सेंटीमीटर या उस से ज्यादा और महिला की ऊंचाई 145 सेंटीमीटर या उस से ज्यादा होनी चाहिए।
3. Marine Engineer में प्रति माह कितना वेतन मील सकता है?
Marine Engineer में 25,000 से लेकर 30,000 तक वेतन मील सकता है।
Last Final Word
दोस्तों, हमने इस आर्टिकल में अपको मरीन इंजीनियरिंग से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध कराइ है। फिर भी अपको इस आर्टिकल के बारे में कुछ प्रश्न है, आप कमेंट बॉक्स में बता सकते है।
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