नमस्कार दोस्तों आज के इस महतवपूर्ण आर्टिकल में हम आप से बात करने वाले हे पापिकोंडा नेशनल पार्क के बारे में तो चलिए जानते हे की पापिकोंडा नेशनल पार्क आखिर क्या है। प्रकृति एवं पर्यटन प्रेमियों का हमारी इस वेबसाईट पर फिर से स्वागत करते है। आज हम आपसे एक बात करने वाले हे विश्व प्रसिद्ध और विश्व की पैतृक (परम्परागत) संपति में शामिल एक ऐसे ही राष्ट्रिय उद्यान की जो की अपनी जैव विविधता और सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। भारत के दक्षिणी भाग में स्थित पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान आंध्र प्रदेश के बारे में आइए जानते है, इस राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ी सभी बातों के बारे में।
पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार (Expansion of Papikonda National Park)
पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी और पश्चिम गोदावरी जिलों में पापी पहाड़ियों के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 1012.860 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में शामिल है। इसका विस्तार आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के आसपास के क्षेत्र में आपको देखने को मिल जाता है।
अगर आप आंध्रप्रदेश घुमने जाने का सोच रहे है और कुदरत के इस अनोखे सौदर्य को निहारने का और वन्य जिव प्रेमी हो तो हम आपसे इस जगह पर भ्रमण करने का जरुर कहेंगे क्योंकी आपकों इस जगह पर कुदरत का सौदर्य देख ने को मिलेंगा।
पापिकोंडा नेशनल पार्क (Papikonda National Park)
- पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान आंध्र प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले में 1012.86 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- भारत में इस उद्यान को 2008 में राष्ट्रिय उद्यान की घोषणा की थी।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 2016 में बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक ‘महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र‘ के रूप में मान्यता दी गई थी।
प्रमुख प्रजातीयां (Major Species)
इस राष्ट्रीय उद्यान में जीवों की कई प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं, मुख्य रूप से हिरण, चार शेर हिरण, बंगाल टाइगर, भारतीय सेनोट, ग्रे लंगूर, जंगली बिल्ली, सुस्त भालू, नीलगाय आदि। यह वन्यजीव अभयारण्य मुख्य रूप से इसका घर कहा जाता है। बंगाल टाइगर, गोदावरी नदी का उद्गम इसके मध्य भाग से होता है, जिसके कारण यहाँ कई जलीय जीव भी देखे जा सकते है।
पक्षी और तितलिययों की प्रजातीयां (Species of Birds and Butterflies)
2016 में बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा राष्ट्रीय उद्यान को एक महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है। रिपोर्ट की गई पक्षियों की कुछ लुप्तप्राय, कमजोर और निकटवर्ती प्रजातियों में ब्लैक-बेलिड टर्न, पेल-कैप्ड कबूतर, पीले-गले वाले बुलबुल, ओरिएंटल डार्टर, पल्लीड हैरियर, ग्रेट थिक-नी, रिवर लैपविंग, रिवर टर्न, मालाबार पाइड हॉर्नबिल, एलेक्जेंड्रिन पैराकेट जैसी प्रजातियों का समावेश है। देखे गए पक्षियों की कुछ उष्णकटिबंधीय (tropical) वन प्रजातियां ब्लैक-थ्रोटेड मुनिया, इंडियन स्किमिटार बब्बलर, जेर्डन नाइटजर, मालाबार ट्रोगन मालाबार व्हिसलिंग थ्रश जैसे थीं। एबॉट के बब्बलर की एक उप-प्रजाति की पहचान की गई और उसका नाम पक्षी विज्ञानी के.एस.आर. कृष्णा राजू (K.S.R. Krishna Raju) के नाम पर रखा गया, जिसे राष्ट्रीय उद्यान की परिधि के आसपास देखा गया था।
सरीसृप (Reptiles)
इस राष्ट्रीय उद्यान से पूर्वी घाटों के लिए स्थानिक भारतीय स्वर्ण छिपकली की सूचना मिली थी। संरक्षित क्षेत्र में और उसके आसपास किंग कोबरा देखे गए।
फ्लोरा (Flora)
पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पतियों में नम पर्णपाती (पतझड़ी) और शुष्क पर्णपाती (पतझड़ी) वनों की प्रजातियां शामिल हैं। पेड़ की प्रजातियों में टेरोकार्पस मार्सुपियम, टर्मिनलिया एलिप्टिका, टर्मिनालिया अर्जुन, एडिना कॉर्डिफोलिया, स्टर्लिंगिया आग्रह, मैंगिफेरा इंडिका, एनोगिसिस लैटिफोलिया शामिल हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (Historical Background)
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की बात करे तो हमें ज्ञात होता है की पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान पपी हिल्स नाम की ऐक जगह में फैला हुआ है। इस कारण वश ही इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम पापिकोंडा नेशनल पार्क रखा गया था या फिर कहे तो पड़ा था। पापिकोंडा वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1978 में हुई थी और बाद में इसे वर्ष 2008 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था, तब से इस वन्यजीव अभयारण्य का नाम बदलकर पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया है।
इस विस्तार में कहा जाये तो रामायण के इतिहास से भी जुड़ा हुआ हे। इसके बाद यह भी माना जाता हे की इस राष्ट्रिय उद्यान के क्षेत्र को किष्किंधा के नाम से जाना जाता था और इस जगह पर वानरों कि सेना का निवास स्थान था।
पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान में खास क्या है? (What is Special About this National Park?)
पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इसकी सुंदरता और प्राकृतिक सुंदरता को देखते हुए, इस राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा अपनी विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। अभयारण्य में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं, इसी बीच अभयारण्य के बीच से गुजरती गोदावरी नदी पर्यटकों को प्रकृति की वास्तविक सुंदरता से रूबरू कराती है। कल की आवाज और साथ ही पक्षियों की चहचहाहट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पापिकोंडा नेशनल पार्क कैसे पहुंचे (How to reach Pipikonda National Park)
निकटतम रेलवे स्टेशन
यह अभ्यारण्य राजामुंदरी, कोब्बुर दोनो रेलवे स्टेशन के नजदीक है। इन रेलवे स्टेशनों के लिए देश के हर हिस्से से ट्रेनें आसानी से उपलब्ध हैं।
नजदीकी हवाई अड्डा
पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान राजामुंदरी हवाई से लगभग 50 किलोमीटर की दुरी पर मौजूद है।
पापिकोंडा सड़क परिवहन
राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचने के लिए बस टैक्सी कार आदि उपलब्ध है और अंदर एसयूवी कार उपलब्ध है साथ ही आपकी सहायता के लिए एक गाइड भी उपलब्ध है। पापिकोंडा नेशनल पार्क के पास कई होटल और रेस्टोरेंट है जहां आपको रहने और खाने की सभी सुविधाएं मिल सकती है।
भारत देश के प्रमुख शहरों से दुरी (India Distance from Major Cities of the Country)
- दिल्ली से – 1721 किमी
- मुंबई से – 1107 किमी
- कोलकाता से – 1126 किमी
- जयपुर से – 1690 किमी
- भोपाल से – 982 किमी
- चंडीगढ़ से – 1971 किमी
- चेन्नई से – 726 किमी
- पटना से – 1298
- पुणे से – 961 किमी
Last Final Word:
दोस्तों यहाँ आपके लिए पापिकोंडा नेशनल पार्क से जुडी सभी तरह की जानकारी दी गई है, जिसकी मदद से आपको पापिकोंडा नेशनल पार्क की कसोटी की तैयारी में पूर्ण मदद मिलेंगी। पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार, पापिकोंडा नेशनल पार्क, पक्षी और तितलिययों की प्रजातीयां, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, इस राष्ट्रीय उद्यान में खास क्या है?, पापिकोंडा नेशनल पार्क कैसे पहुंचे, भारत देश के प्रमुख शहरों से दुरी जैसी सभी तरह की जानकारी से आप वाकिफ हो चुके होंगे।
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