नमस्कार दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम जानेगे राजस्थान राज्य का इतिहास और रोचक तथ्य के बारे में। जैसा की हम सब जानते है, राजस्थान राज्य भारत के उतरी पश्चिमी क्षेत्र का सबसे बड़ा एवं खूबसुंदर राज्य में से एक चुना जाता है। राजस्थान राज्य भारत का सबसे बड़ा राज्य है।
विश्व में राजस्थान की अलग ही पहचान है। राजस्थान राज्य वहा की संस्कृति, पहनावा, कला और वहा के इतिहास की वजह से ज्यादा जाना जाता है। भारत में सभी लोग मिल जुलके रहते है चाहे वो किसी भी धर्म का हो, वेसे ही राजस्थान भी एसा ही है।
यदि आप राजस्थान के इतिहास और राजस्थान के रोचक तथ्य के बारे ज्यादा जानकरी प्राप्त करना चाहते है, आप के लिए यह महत्वपूर्ण आर्टिकल बहुत लाभदायी साबित होने वाला है, क्योकि आप इस आर्टिकल में आपको जाने के लिए मिलेगा की राजस्थान का इतिहास क्या है?और राजस्थान के महत्वपूर्ण रोचक तथ्य इत्यादि।
अगर आप राजस्थान राज्य और राजस्थान राज्य के इतिहास में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करना चाहते है, कृपया हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े।
राजस्थान का इतिहास और रोचक तथ्य (History and Interesting Facts of Rajasthan)
राजस्थान राज्य का इतिहास
राजस्थान राज्य का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है। राजस्थान राज्य में कई महान राजाओ ने राज किया था, जिसमे महान राजपुताना शासक भी शामिल है। जेसेकी बप्पा रावल, राणा कुंभा, महाराणा प्रताप, महाराणा सांगा जेसे महान राजपुताना शासक शामिल है। इस 5000 वर्षीय पुराने इतिहास को तीन हिस्सों में बाटे जाने का अनुमान है। जिसमे सबसे प्राचीन इतिहास में राजस्थान को “राजपूतो का साम्राज्य” माना जाता था। यहाँ के दुसरे प्राचीन राजस्थान को “मोर्य साम्राज्य” के आधीन है, और तीसरा 1000 से 1200 पूर्व के मध्य राजस्थान को चालुक्य, चौहाण और परमार वंश के मध्य संघर्षो, बाद में यहाँ धीरे-धीरे मुग़ल वंश कब्ज़ा करने लगा था।
उसके बाद वर्ष 1707 इसवी से धीरे-धीरे राजस्थान पर से मुग़ल वंश का कब्ज़ा कम होने लगा और राजस्थान राज्यपाल मुग़ल वंश योग का प्रभाव भी कम हो गया, मुग़ल वंश का पतन होने लगा था। जेसे ही मुग़ल वंश का पतन हुवा उसके बाद तुरंत ही मराठा साम्राज्य ने राजस्थान पर अपना राजस्व स्थापित कर दिया।
वर्ष 1755 इस्वी में मुग़ल वंश ने अजमेर को अपने नाम किया,उन्होंने 19वी शताब्दी तक मुगलों का कब्ज़ा अजमेर पर था। 19वी शताब्दी में पिंडलियों के द्वारा किये गए हमलों के मुगलों शिकार हो गए। इसके बाद इस अस्थाई राज्य को उपलब्धि मिल गई आज वर्ष 30 मार्च 1949 को राजस्थान राज्य की स्वतंत्र स्थापना कर दी गई।
राजस्थान राज्य की राजधानी (Capital Of The State Of Rajasthan)
हम सभी लोग जानते है की राजस्थान की राजधानी जयपुर है। यह विश्वभर में “पिंक सिटी” के नाम से मशहूर है।
अंत: राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर है, जिसकी स्थापना महाराजा जयसिंह के द्वारा किया गया था। इसे भारत का “पेरिस” भी कहा जाता है।
राजस्थान राज्य का क्षेत्रफल एवं जनसख्या (Area and Population of Rajasthan State)
क्षेत्रफल कि द्रष्टि से राजस्थान राज्य पुरे भारत वर्ष में सबसे बड़ा राज्य है। क्षेत्रफल की द्रष्टि से राजस्थान का क्षेत्रफल 3,42,239 किलो मीटर में फेला हुवा है। राजस्थान राज्य की अगर जनसंख्या की बात की जाये, उसकी जनसंख्या लगभग 6 करोड़ 89 लाख के आसपास है। (यह अंक वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार निर्धारित किया गया है)
क्या है राजस्थान राज्य की संस्कृति और पहनावा (What Is The Culture And Dress Of Rajasthan State)
जेसा सब लोग जानते है, की राजस्थान का इतिहास बहुत पूराना है। यह राजस्थान का सांस्कृतिक इतिहास केवल भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। राजस्थान अपने पारंपरिक कला के लिए पुरे विश्व में प्रसिद्ध है।राजस्थान समृद्ध संस्कृति के रूप में प्रसिद्ध है। राजस्थान राज्य का प्रतिक उसकी लोक सांस्कृतिको कहा जाता है। राजस्थान की खेती भी राजस्थान की संस्कृति में ज्यादा विकसित हुई है। राजस्थान का लोकगीत यहाँ की संस्कृति को और भी बढ़ाता है।
राजस्थान का पहनावा वहा के लोगो के द्वारा अलग-अलग पहने जाते है, क्योकि राजस्थान में अनेको प्रकार के एवं अनेको समाज के लोग रहते है। राजस्थान की वेशभूषा का महत्व भी इसकी संस्कृति के साथ जुडा हुवा है, यहाँ की वेशभूषा भी सबसे राजस्थान को जुदा करता है। राजस्थान के आम दिनों पर पसंद करने वाली वेशभूषा में पुरुष के द्वारा धोती और कुर्ता शामिल है, दूसरी और ओरतो के द्वारा घागरा एवं कुर्ती पहनी जाती है।
राजस्थान राज्य का कोन-कोन सा नृत्य मशहूर है? (Which Dance Of Rajasthan state is famous?)
राजस्थान राज्य का सबसे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध नृत्य घुमर है। राजस्थान राज्य का मशहूर नृत्य घुमर के अलावा और भी कई प्रकार के नृत्य किये जाते है जेसे की, कठपुतली, चांग,कच्ची छोरी, तेजाजी नृत्य, भोपा, तेरहताली इत्यादि प्रसिद्ध है।
राजस्थान राज्य के कलाकृति के चर्चे (Discussions Of Artwork Of Rajasthan State)
राजस्थान राज्य अपनी कलाकृति के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस प्राचीन कलाकृति को आज भी वहा देखा जाता है, जिसकी वजह से वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व में राजस्थान की कलाकृति आज भी चर्चा होती है। यह कलाकृति इस लिए ज्यादा पसंद है, क्युकी यहाँ की कलाकृति यहाँ के लोग किसी भी प्रकार के यंत्र का उपयोग नहीं करते, यहा बनने वाली सभी कलाकृतियो को स्वयं यहाँ के लोग अपने हाथो से ही बनाते है।
राजस्थान राज्य के रंगीन कला में कई सारे रंगों का उपयोग होता है, जिसमे बगरू प्रिंट, डाई प्रिंट, ब्लाक प्रिंट, टाई, सांगानेर प्रिंट इत्यादि रंगों का उपयोग होता है। राजस्थान राज्य रंगों के साथ-साथ जरी कढाई का प्रमुख उत्पादन है। राजस्थान राज्य में मुख्य रूप से पहने जाने वाले कपड़ो में कपास का उपयोग किया जाता है। कपड़ो की शोभा बढाने के लिए कपड़ो पर कांच के छोटे-छोटे टुकडो का उपयोग किया जाता है। राजस्थान राज्य में हस्तशिल्प वस्तुओ का निर्माण काफी ज्यादा होता है,यहाँ की हर चीज यहाँ के लोग अपने हाथो से ही बनाते है, जेसेकी मिट्टी का बर्तन, फर्नीचर, कारपेट इत्यादि।
राजस्थान राज्य में मनाया जाने वाले मुख्य धार्मिक त्यौहार (Main Religious Festival Celebrated In Rajasthan)
राजस्थान राज्य में कई सारे त्यौहार मनाये जाते है। जिस में से सबसे ज्यादा जोर-शोर से मनाये जाने वाले त्यौहार दीपावली, गणगोर, तीज, होली, श्री देवनारायण जयंती, मकर संक्रांति, जन्माष्टमी इत्यादि जेसे त्यौहार मशहुर है। यहाँ के मेले भी किसी त्यौहार से कम नहीं है, लोक महोत्सव, पुष्कर मेला इत्यादि जयपुर के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक त्यौहार माने जाते है।
राजस्थान राज्य का राष्ट्रिय पक्षी कोनसा है? (Which Is The National Bird Of Rajasthan State?)
जेसा की हम सभी लोग जानते है, भारत का राष्ट्रीय पक्षी (National Bird Of India)मोर है। वेसे ही राजस्थान का खुद का एक राष्ट्रिय पक्षी है। लोग अक्सर सर्च करते है, राजस्थान का राष्ट्रिय पक्षी कोन सा है? इस लिए हमने इस आर्टिकल में इस बारे भी स्पष्ट कर देते है।
राजस्थान राज्य का राष्ट्रिय पक्षी गोडावण (Godavan) को कहा जाता है। इस पक्षी का वैज्ञानिक नाम आर्डियोटिस निग्रिसेप्स है। यह पक्षी पाकिस्तान की सिमा में पाया जाता है। राजस्थान के इस राष्ट्रिय पक्षी को अन्य नाम से भी जाना जाता है, जेसे की सोहन चिड़िया, गुराइन और हुकना इत्यादि नाम से जाना जाता है।
राजस्थान का राष्ट्रीय पशु कोनसा है? (Which Is The National Animal Of Rajasthan?)
जेसे भारत का राष्ट्रिय पशु बाघ है, वेसे ही राजस्थान राज्य के दो राष्ट्रिय पशु है। चिकारा और ऊट यह दोनों राजस्थान राज्य के राष्ट्रिय पशु के रूप में देखा जाता है। चिंकारा पशु ज्यादातर मैदानी तथा पहाड़ी इलाकों में देखे जाते है, उसके साथ-साथ कई और इलाकों में भी पाए जाते है। चिंकारा पशु को भारतीय गजल के नाम से भी जाना जाता है। हम सभी लोग जानते है, की ऊट को रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है, रेगिस्तान में पाए जाने वाले प्रमुख जानवारो में एक जानवर यह भी है।
राजस्थान राज्य का राष्ट्रिय खेल (National Game Of Rajasthan State)
राजस्थान का सबसे पसंदीदा खेल बास्केटबोल है। राजस्थान राज्य में बड़े उत्साह और उमंग से खेला जाने वाला खेल बास्केटबोल है, जोकि राजस्थान का राष्ट्रिय खेल भी माना जाता है। हालाकि इसके अलावा भी कई खेल लोग खेलते है, लेकिन बास्केटबोल सबसे ज्यादा खेले जाने वाला और सबका पसंदीदा खेल है।
राजस्थान राज्य का पसंदीदा भोजन (Favorite Food Of Rajasthan State)
यह सभी लोग जानते है, भारत के प्रत्येक राज्य में अलग-अलग प्रकार के भोजन किये जाते है। वेसे ही राजस्थान राज्य का सबसे पसंदीदा और चाव से खाने वाला भोजन दाल बाटी और चूरमा है। दाल बाटी और चूरमा राजस्थान के लोगो का सबसे पसंदीदा भोजन है, इस लिए यह भोजन प्रथम स्थान पर है।
इसके अलावा राजस्थान में कई और भोजन भी मशहूर है, जेसे की मिर्ची बड़ा, घेवर, केर सांगरी, कचोडी, शाही गट्टे और गट्टे की खिचड़ी काफी ज्यादा मशहूर है।
राजस्थान जाने के बाद कहा रुके? (Where Did You Stay After Going To Rajasthan?)
राजस्थान में बहुत से छोटे-बड़े होटल आपको मिल जायेगे, आप अपने बजट के अनुसार किसी भी होटल या आवास्थान में रह सकते है। आप अपने बजट के अनुसार किसी भी होटल या आवस्थान का चयन कर सकते है और आप इन्ही होटल एवं आवस्थान के माध्यम से राजस्थान में लंबा समय भी गुजर सकते है। आप राजस्थान में रहकर राजस्थान के सभी पृष्ठभूमि को आसानी से देख सकते है।
राजस्थान राज्य के कुछ रोचक तथ्य (Interesting Facts About Rajasthan)
- राजस्थान राज्य के एक पाली शहर में एक ऐसा मंदिर है, जहा पर किसी भगवान की मूरत नहीं है, बल्कि बुलेट बाइक की स्थापना की गयी है और उसकी लोग पूजा भी करते है।
- राजस्थान के अजमेर शहर के बजरंग बाढ़ में एक हनुमानजी का मंदिर है। इस मंदिर की यह खासियत है की,इस मंदिर पर एक वानर सदेव उनकी सेवा के लिए तत्पर रहता है। उस मंदिर की सेवा कोई इंसान नहीं बल्कि वो वानर ही करता है।
- राजस्थान राज्य का किराडू मंदिर अपनी शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है। उसे लेकर लोगो में यह मान्यता है, की जो भी वाह सूर्यास्त (शाम होने के बाद ) के बाद रुकता है, वह उसी स्थल के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
- राजस्थान के जयपुर में एक एसा तोप है, जिसे संपूर्ण विश्व का सबसे बड़ा तोप होने का ख़िताब प्राप्त है। जयपुर के इस तोप की रेंज लगभग 22 मील (35.2 किमी) तक की है।
- जेसलमेर से 18 किलोमीटर दुरी पर एक एसा गाव है, जहा पर रह रहे लोगो के द्वारा यह आशंका जताई जाती है की वहा पर रात के अँधेरे में कोई भी व्यक्ति बहार जाना पसंद नहीं करता, क्योकि वहा पर हमेशा एसा अहसास होता है की हमारे आसपास कोई चल रहा हो। लोगो के द्वारा एसा कहा जाता है, की वहा पर भूतो का बसेरा है।
- राजस्थान की एक दरगाह भी बहुत प्रसिद्ध है। उस दरगाह की खासियत यह है की यहाँ हिन्दू मुस्लिम एक साथ मिलकर उसी दरगाह में कृष्ण जन्माष्टमी मनाते है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहाँ बहुत भीड़ होती है, क्युकी भारत की एकता को देखने के लिए दुर-दुर से लोग यहाँ आते है।
- संपूर्ण विश्व के जगतपिता ब्रम्हा का एकमात्र मंदिर है, जो राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। वहा के लोगो की एसी मान्यता है की मुग़ल शासक के शासन काल के दोरान ओरंगजेब ने सभी मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया परंतु यह ब्रह्माजी का मंदिर ओरंगजेब की सेना छू तक नहीं सकी थी।
- राजस्थान के जेसलमेर से लगभग 120 किलोमीटर दूर तनोत देवी का मंदिर है, जिसे थार की वैष्णो देवी भी कहा जाता है।
- जैसल जिले के रामदेवरा में राजस्थान के लोकदेवता रामदेव जी (रामसा पीर) का मेला लगता है। यह मेला भाद्रपद महीने में द्वितीया से ग्यारस तक(10 दिवसीय) मेला लगता है। इस मेले को मारवाड़ का कुंभ मेला भी कहा जाता है, और यह मेला राजस्थान का सबसे बड़ा मेला है।
राजस्थान राज्य का इतिहास और रोचक तथ्य के बारे में कुछ प्रश्न और उनके सही जवाब:
1. राजस्थान के राष्ट्रिय पक्षी गोडावण का वैज्ञानिक नाम क्या है?
आरडीयोटिस निग्रिसेप्स
2. राजस्थान के राष्ट्रिय पशु कितने है?
दो (2) : चिकारा और ऊट
3. राजस्थान में मनाये जाने वाले धार्मिक त्यौहार कोन-कोन से है?
दीपावली, गणगोर, तीज, होली, श्री देवनारायण जयंती, मकर संक्रांति और जन्माष्टमी।
Final Last Word:
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