राष्ट्रीय मानसून मिशन क्या है?

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नमस्ते दोस्तों, हाली में ही एक नया मिशन शुरू हुआ है- “राष्ट्रीय मानसून मिशन” अगर आपके भीतर यह प्रश्न हो रहा की यह राष्ट्रिय मानसून मिशन क्या है? आप यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़े क्युकी हम इस आर्टिकल राष्ट्रिय मानसून मिशन के बारे में पूरी जान करी देने वाले है।

राष्ट्रीय मानसून मिशन चर्चा में क्यों है? (Why is the National Monsoon Mission in the news?)

हाल ही में ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान’ केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के द्वारा ‘राष्ट्रिय व्यावहारिक आर्थिक अनुसंधान परिषद’ (National Council of Applied Economic Research-NCAER) की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई है। इस आर्टिकल के माध्यम से चलिए जानते है की मानसून मिशन क्या है? और वार्षिक रिपोर्ट के बारे में।

राष्ट्रिय मानसून मिशन का प्रमुख बिंदु (Highlights of National Monsoon Mission)

NCAER नई दिल्ली में स्थित एक स्वतंत्र तथा गैर-लाभकारी थिंक टैंक है, जो आर्थिक नीतिगत अनुसंधान की दिशा में कार्य करता है। यह रिपोर्ट, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित किए गए एक अध्ययन पर आधारित है।

यह NCAER की रिपोर्ट, ‘राष्ट्रिय मानसून मिशन’ (National Monsoon Mission) और ‘उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग’ (High Performance Computing – HPC) में निवेश के आर्थिक लाभों का अनुमान लगाने पर केन्द्रित है।

NCAER रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष (Key Findings Related to the NCAER Report)

रिपोर्ट NMM और HPC में किए गए निवेश के आर्थिक लाभों का मूल्यांकन करती है। जिसमें निम्नलिखित तथ्य सामने आए है :

निवेश की तुलना में व्यापक लाभ :

भारत सरकार के द्वारा “राष्ट्रिय मानसून मिशन” (NMM) और “उच्च निष्पादन कंप्यूटिंग” (HPC) सुविधाओं की स्थापना पर लगभग 1000 करोड़ रूपए का निवेश (Investment) किया गया है, जबकि कृषि परिवारों, किसानों और पशुपालकों को कुल 13,331 करोड़ रूपए का वार्षिक आर्थिक लाभ हुआ है। यह अनुमान है की अगले पांच सालो में यह आर्थिक लाभ 48,056 करोड़ रूपए तक हो सकता है।

आर्थिक लाभ का आकलन (Economic Benefit Assessment) :

आर्थिक लाभ का निर्धारण, ‘वर्षा आधारित क्षेत्रों’ में किसानों की आय, मौसमी पूर्वानुमान से पशुधन मालिकों और मछुआरों को हुए लाभ के आधार पर किया गया है।

रिपोर्ट के आर्थिक लाभार्थी (Major Beneficiaries of National Monsoon Mission)

रिपोर्ट के अनुसार, मौसम पूर्वानुमान से संबंध में सटीक एडवाइजरी जारी करने से 98% किसानों को लाभ हुआ है। किसानों को इससे फसल प्रतिरूप में बदलाव, जल प्रबंधन, फसल की कटाई, बुवाई, जुताई के समय में परिवर्तन, कीटनाशकों का प्रयोग तथा सिचाई आदि के संबंध में सही निर्णय करने में मदद मिली है।

‘संभाव्य मत्स्यन क्षेत्र’ (Potential Fishing Zone-PFZ) के संबंध में सफल एडवाइजरी जारी करने के परिणामस्वरूप अतिरिक्त मत्स्यन में मदद मिली है। 82% मछुआरो द्वारा समुद्र में जाने से पहले ओशन स्टेट फोरकास्ट (OSF) की सलाह का इस्तमाल किया।

76% पशुधन मालिकों द्वारा मौसमी बीमारी के खिलाफ पशुधन के टिकाकारण, चारा प्रबंधन आदि में मौसम संबंधी सूचनाओ का प्रयोग किया गया है।

इस से महिलाओं को जो लाभ प्राप्त हुआ है उसका अनुमानित लाभ 13,447 करोड़ रूपए है और यह कुल भाग का 26.6% भाग है।

राष्ट्रीय मानसून मिशन (National Monsoon Mission)

  • “राष्ट्रीय मानसून मिशन” पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के द्वारा 2012 में लोन्च किया गया था।
  • भारत की अर्थव्यवस्था के लिए मानसून हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। वर्तमान मानसून पूर्वानुमान क्षमता पर्याप्त नहीं है।
  • राष्ट्रिय मानसून मिशन के तहत मानसून पूर्वानुमान शोध कार्यो में अनुसंधानकर्ताओ का समर्थन किया जाएगा तथा “गतिशील मानसून पूर्वानुमान” (Dynamic Monsoon Forecast) मॉडल के विकास पर बल दिया जा रहा है।
  • राष्ट्रिय मानसून मिशन जलवायवीय अवलोकन कार्यक्रमों का भी समर्थन करेगा, ताकि जलवायविक प्रक्रियाओं की बेहतर समझ विकसित हो सके।

राष्ट्रीय मानसून मिशन के उद्देश्य क्या है? (What is the objective of National Monsoon Mission?)

  • मौसमी और अंतर-मौसमी मानसून पूर्वानुमान माँ सुधार करना।
  • वर्षा वाली जगहों या क्षेत्रो में किसानों, पशु के मालिकों और मछुआरों के आर्थिक लाभ का अनुमान लगाना है।
  • मध्यम श्रेणी के मौसमी पूर्वानुमान में सुधार करना।

मानसून मिशन की भागीदार संस्थान (Partner Institute of Monsoon Mission)

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रोपिकल मीटिरियोलोजी (IITM), पुणे
  • नेशनल सेंटर फॉर मिडियम रेंज वेदर फोरकास्ट (NCMRWF), नोएडा
  • इंडियन मीटिरियोलोजीकल डिपार्टमेंट (IMD), नई दिल्ली

इसके वितरण इस प्रकार है :

  • ऋतुकालिक और अंतरा-ऋतुकालिक पैमाने में विश्वासनीय पूर्वानुमान प्रणाली की स्थापना
  • मध्यम रेंज पैमाने पर दो सप्ताह तक
  • ‘उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग’ (High-Performance Computing- HPC) का उपयोग
  • सुपरकंप्यूटर, उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) का एक भौतिक मूर्त रूप है। जो नियमित कंप्यूटर के साथ हल करना असंभव होता है, उन समस्याओ को हल करने के लिए यह संगठन सक्षम बनाता है।
  • अंत में यह मिशन कार्यान्वयन एक नजर में (Finally this Mission Implementation at a Glance):
  • IITM सीजनल (Seasonal) और इंट्रा-सीजनल (Intra-seasonal) पैमाने पर पूर्वानुमान में सुधार के लिए समन्वय करेगा।
  • मध्यम अविध पैमाने पर NCMRWF पाक्षिक पूर्वानुमानों में सुधार के प्रयासों में सर्वप्रथम समन्वय करेगा।
  • इन्हें IMD द्वारा प्रचालनात्मक बनाया जाएगा।
  • विभिन्न अवकाशीय और अवकाशीय श्रेणी में पूर्वानुमान में सुधार करने के लिए विशिष्ट परियोजनाओ और पक्के परिणामों से संबंधित राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।
  • राष्ट्रिय भागीदारों एवं अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के वित्तपोषण के लिए भी प्रावधान किया जाएगा।
  • IITM और NCMRWF में HPC सुविधा का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
Last Final Word

इस आर्टिकल में (राष्ट्रिय मानसून मिशन क्या है?) इस से जुड़ी सभी जानकारी हमने इस आर्टिकल में देदी है। फिर भी आपको इस आर्टिकल से जुडा कोई भी प्रश्न है, आप कमेंट बॉक्स में बता सकते है।

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